पांच मंत्री व प्रदेशाध्यक्ष ने अपनी ही सरकार को घेरा, विपक्ष ने भी बोला हमला

पांच मंत्री व प्रदेशाध्यक्ष ने अपनी ही सरकार को घेरा, विपक्ष ने भी बोला हमला

चंडीगढ़
दो कांग्रेस विधायकों के बेटों को अनुकंपा के आधार पर सरकारी नौकरी देने का मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह का फैसला उनके लिए ही मुसीबत का सबब बनता जा रहा है। विपक्ष के कड़े विरोध के बीच पंजाब कांग्रेस प्रधान सुनील जाखड़ समेत पार्टी के कई नेता खुलकर इसके विरोध में आ गए हैं। इस बीच, कैप्टन ने इस मामले में सफाई दी है। पत्रकारों से बातचीत में अपने फैसले को सही ठहराते हुए उन्होंने कहा कि अगर विपक्ष में ऐसा कोई परिवार है, जिसके सदस्यों ने देश के लिए बलिदान दिया है तो पंजाब सरकार उस परिवार के सदस्य को भी सरकारी नौकरी देगी।

दरअसल, पंजाब मंत्रिमंडल ने शुक्रवार को कांग्रेस के दो विधायकों के बेटों को अनुकंपा के आधार पर अफसर बनाने की मंजूरी दी। विधायक फतेहजंग बाजवा के बेटे अर्जुन प्रताप सिंह बाजवा को पंजाब पुलिस में इंस्पेक्टर और विधायक राकेश पांडे के बेटे भीषम पांडे को नायब तहसीलदार नियुक्त करने संबंधी प्रस्ताव को मंजूरी दी। इसके लिए नियमों में भी संशोधन किया। अर्जुन के दादा पूर्व मंत्री सतनाम सिंह बाजवा और भीषम पांडे के दादा जोगिंद्र पाल पांडे की आतंकवाद के समय आतंकवादियों ने हत्या की थी।

प्रदेश कांग्रेस प्रधान सुनील जाखड़ ने शनिवार को बयान जारी कर कहा कि देश के लिए प्राण न्योछावर करने वालों के प्रति देश और समाज हमेशा ही कृतज्ञ रहे हैं। लेकिन कैप्टन सरकार ने जिस तरह अनुकंपा के आधार पर विधायकों के बेटों को नौकरियां दी हैं, उनमें कई मामलों को अनुकंपा की श्रेणी में नहीं रखा जा सकता। इसलिए मुख्यमंत्री को इन नियुक्तियों को रद्द करना चाहिए। इस मामले में किसी ने कैप्टन को गलत सलाह दी है क्योंकि इसके बाद सरकार पर भाई-भतीजावाद और खास लोगों को तरजीह देने के आरोप लगने तय हैं। 

उधर, कैप्टन कैबिनेट के पांच सदस्यों सुख सरकारिया, सुखजिंदर रंधावा, तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा, चरणजीत सिंह चन्नी और रजिया सुल्ताना ने फैसले का विरोध करते हुए इसे रद्द करने की मांग की है। कांग्रेस विधायक और मुख्यमंत्री के सलाहकार कुलजीत सिंह नागरा और नवजोत कौर सिद्धू ने भी नियुक्तियों का विरोध किया है। पंजाब यूथ कांग्रेस के प्रधान बरिंदर सिंह ढिल्लों ने फैसले को गलत ठहराते हुए कहा कि सरकार को पहले गरीब और जरूरतमंद लोगों के बारे में सोचना चाहिए। 

तेज हुआ विपक्ष का हमला
कांग्रेस पार्टी में शुरू हुए विवाद से पहले विपक्षी दलों ने मुख्यमंत्री के फैसले पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए पूरे मामले को जनता के बीच ले जाने का एलान कर दिया है। आम आदमी पार्टी ने नौकरियां रद्द करने की मांग की है तो शिअद ने राज्यपाल से सरकार की बर्खास्तगी की मांग की है। 

विधायकों के परिवारों के बलिदान स्वरूप पुत्रों को नौकरी दी: कैप्टन
वहीं, दो कांग्रेस विधायकों के पुत्रों को सरकारी नौकरी देने के अपनी सरकार के फैसले को सही ठहराते हुए मुख्यमंत्री ने कहा है कि यह कदम उनके बुजुर्गों (दादा) द्वारा दिए गए बलिदान को मान्यता देने के तौर पर उठाया गया है, जिन्होंने देश के लिए अपनी जान न्योछावर की। उनके परिवार इस घाटे की भरपाई पाने के हकदार हैं। 

शिअद और आम आदमी पार्टी पर निशाना साधते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि ये पार्टियां भी ऐसे किसी नौजवान, जिनके पिता या दादा ने मुल्क के लिए ऐसा बलिदान दिया हो, की जानकारी दें तो उनको भी सरकारी नौकरियां दी जाएंगी। कैप्टन ने कहा कि दरअसल, उन्होंने तो इन पार्टियों में से ऐसे व्यक्ति ढूंढने की कोशिश भी की लेकिन कोई भी नहीं मिला।

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