पहले पति सास अब ससुर भी उठा रहा हाथ

शिमला। पति-पत्नी के रिश्ते दरकते जा रहे हैं। यह सच राज्य महिला आयोग के कोर्ट में सामने आया है। आयोग ने दूसरे दिन शुक्रवार को कोर्ट लगाकर शिमला, हमीरपुर, बिलासपुर और सोलन के 26 मामलों में से कुछ की सुनवाई की। सभी मियां-बीवी के बीच अनबन के मामले रहे। महिला आयोग पहुंची बिलासपुर की एक महिला ने बताया कि उसे उसके ससुराल वाले बहुत परेशान करते हैं। पहले सास और पति ही मारपीट करते थे। बाद में ससुर ने भी मारना शुरू कर दिया। ससुर की मार खाने के बाद चार दिन तक होश नहीं आया। सुनवाई के बाद महिला आयोग ने ससुराल वालों और पति को पुलिस की ओर से लाए जाने का फैसला लिया।

दूसरी शादी की और खर्चा देना बंद कर दिया
महिला आयोग पहुंची घुमारवीं की एक महिला ने बताया कि वह पति की दूसरी बीवी है। उसके दो बच्चे हैं। पहली पत्नी मर गई है। उसके भी दो बच्चे हैं। चारों बच्चे उसके साथ रहते हैं। पति उसके बच्चों और उसे कोई खर्चा नहीं देता है। चारों बच्चों के पढ़ने का खर्चा उसकी सास देती है। पति ने 15 साल में एक बार भी खर्चा नहीं दिया। महिला आयोग ने कहा कि पति को कोर्ट में बुलाने के लिए नोटिस भेजा जाएगा।

बच्चे से नहीं मिलने देती है पत्नी…
महिला आयोग पहुंचे शिमला के एक पुरुष ने कहा कि उसकी पत्नी उससे अलग रहती है। उसने पत्नी के साथ कभी कोई गलत व्यवहार नहीं किया। उसके माता-पिता ने पत्नी तंग किया था। लेकिन, वह पत्नी को अपने साथ कहीं अलग से भी रख सकता है। बच्चा 4 साल का हो गया। उसे अभी तक स्कूल नहीं डाला। बच्चे से मिलने जाओ तो पत्नी मिलने नहीं देती है। उसके मां बाप ने भी उसे घर से निकाल दिया है। महिला आयोग ने पत्नी को पुलिस की ओर से अगले कोर्ट में लाने का फैसला लिया है।

मैडम.. खर्चा नहीं देता है पति
शिमला की एक महिला का कहना कि इससे पहले 2009 से कोर्ट लगा था। वहां उसके पति ने उसे खर्चा देने के फैसला लिया गया था। बावजूद इसके उसे और उसके बेटे को अभी तक एक बार भी खर्चा नहीं मिला। वहीं, पति का कहना है उसकी पत्नी उसे बच्चे से नहीं मिलने देती है। न ही घर भेजती है। अगर वह मुझे मेरे बच्चे से मिलने देगी और छुट्टियों में घर भेजेगी तो वह हर माह खर्चा देगा। महिला आयोग ने फैसला लिया गया कि जनवरी से पिता अपने बच्चे के लिए 1000 रुपये खर्चा भेजेगा। छुट्टियों में मां बच्चे को उसके पिता के पास भेजेगी।

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