पड़ोसी राज्यों को उधार दी गई बिजली से हिमाचल रोशन उत्पादन 77 फीसदी घटा

शिमला
सांकेतिक तस्वीर
हिमाचल में भारी बर्फबारी और कड़ाके की ठंड से नदी-नाले जमने से बिजली उत्पादन 77 फीसदी तक घट गया है। गर्मियों के मौसम में पड़ोसी राज्यों को उधार दी गई बिजली से इन दिनों हिमाचल रोशन हो रहा है।

दिल्ली, उत्तर प्रदेश और हरियाणा को गर्मियों में बैंकिंग पर दी बिजली सर्दियों में हिमाचल को वापस मिल रही है। इस बैंकिंग के सहारे हाड़ कंपा देने वाली ठंड से प्रदेश की जनता को गर्मी मिल रही है। इन तीनों राज्यों से रोजाना 160 लाख यूनिट बिजली की आपूर्ति हो रही है।

इसके अलावा सेंट्रल शेयर से 115 लाख यूनिट बिजली रोजाना मिल रही है। प्रदेश में वर्तमान में प्रतिदिन 300 लाख यूनिट बिजली की जरूरत है। हिमाचल में बिजली उत्पादन 26 लाख यूनिट हो रहा है, जबकि इन दिनों औसतन 90 लाख यूनिट बिजली उत्पादन होता है।

ऐसे में शेष बिजली सप्लाई का इंतजाम बैंकिंग और सेंट्रल शेयर के जरिये हो रहा है। प्रदेश में बिजली उत्पादन करने वाली केंद्रीय परियोजनाओं से हिमाचल को कुछ शेयर दिया जाता है।

वर्तमान में दिल्ली से रोजाना 95 लाख यूनिट, उत्तर प्रदेश से 30 लाख यूनिट और हरियाणा से 35 लाख यूनिट बिजली वापस ली जा रही है। इन राज्यों से पहली बार ब्याज सहित बिजली वापस ली जा रही है।

इससे पहले जितनी बिजली गर्मियों में दी जाती थी, उतनी ही सर्दियों में वापस लेते थे। उधर, प्रदेश में भारी संख्या में ट्रांसफार्मर खराब होने के चलते बिजली की जरूरत बहुत अधिक नहीं है। प्रदेश को रोजाना 90 लाख यूनिट बिजली की ही जरूरत है। जिसका इंतजाम बिजली बोर्ड अभी तक आसानी से कर रहा है।

आने वाले दिनों में ट्रांसफार्मर ठीक होने की सूरत में बिजली बोर्ड की मुश्किलें बढ़ सकती है। ऐसे हालात में पड़ोसी राज्यों से बिजली खरीदने की नौबत आ सकती है।

अभी प्रदेश में बिजली संकट जैसे हालात नहीं है। रोजाना की जरूरत को पूरा किया जा रहा है। आवश्यकता पड़ने पर बिजली खरीदी भी जाएगी। खराब पड़े ट्रांसफार्मर दुरुस्त करने का काम युद्धस्तर पर जारी है। – जेपी कालटा, प्रबंध निदेशक, बिजली बोर्ड

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