नौणी क्षेत्र से पानी का सैंपल फेल

सोलन। नौणी क्षेत्र से लिए गए पानी के सैंपलों में से एक सैंपल फेल हो गया है। यह सैंपल नौणी क्षेत्र की एक प्राकृतिक पेयजल स्रोत (बावड़ी) से लिया गया था। यह सैंपल करीब एक सप्ताह पहले भरे गए थे। इन्हें कंडाघाट लैब में जांच के लिए भेजा गया था। शनिवार को रिपोर्ट आने के बाद इसका खुलासा हुआ है। स्वास्थ्य विभाग ने क्षेत्र में क्लोरिन की गोलियां बांटने के आदेश स्थानीय अस्पतालों को दे दिए हैं। स्वास्थ्य विभाग ने अब तक सोलन शहर व आसपास के क्षेत्रों में दस के करीब सैंपल भरे हैं। यह पहला सैंपल फेल हुआ है। इसकी पुष्टि जिला स्वास्थ्य अधिकारी डा. एनके गुप्ता ने की।

पीलिया रोग को लेकर लिए थे सैंपल
पीलिया को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने करीब एक सप्ताह पहले नौणी क्षेत्र से पेयजल के करीब पांच सैंपल भरे थे। इसमें से चार सैंपल ठीक हैं जबकि एक सैंपल में क्लोरीफार्म की कमी है। नौणी क्षेत्र से पिछले दिनों पीलिया के लगभग पांच केस आए थे। हालांकि अभी हालात काबू में आ चुके हैं तथा पीलिया के रोगियों में कमी आई है।

सैंकड़ों छात्र शिक्षारत हैं क्षेत्र में
नौणी तथा आसपास के क्षेत्रों में करीब आधा दर्जन विवि और कालेज हैं जिनमें सैकड़ों छात्र शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। अधिकांश छात्र क्षेत्र में किराए के कमरों में रह रहे हैं। हालांकि सभी विवि में आईपीएच विभाग की योजनाओं से सप्लाई की जा रही है। मगर गर्मियों में क्षेत्र में पेयजल की किल्लत रहती है तथा किराए के कमरों में रहने वाले छात्र प्राकृतिक स्रोतों से भी पेयजल का प्रयोग करते हैं। जिससे की जलजनित रोगों के फैलने का डर रहता है।

प्राकृतिक स्रोतों में डालें दवाइयां : डा. गुप्ता
जिला स्वास्थ्य अधिकारी डा. एनके गुप्ता ने कहा कि गर्मियों के मौसम में जलजनित रोगों की शिकायत आती हैं। प्राकृतिक स्रोतोें में पेयजल का इस्तेमाल करने से पहले क्लोरिन की गोलियां डाल लें। इसके अतिरिक्त समय-समय पर स्रोतों की सफाई भी जरूरी है।

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