नेहरू की यादों से जुड़ा किला हुआ धराशायी, राजीव और राहुल कर चुके हैं किले का दौरा

जैतो (पंजाब)

जैतो में मलबे के ढेर में तब्दील नाभा रिसायत का ऐतिहासिक किला।

पंजाब सरकार की अनदेखी व प्रशासनिक अधिकारियों की लापरवाही के चलते नाभा रियासत का हिस्सा रहे जैतो मंडी का ऐतिहासिक किला लगभग मिट्टी में मिल गया है। बारिश के कारण पहले से जर्जर यह किला मलबे में तब्दील हो गया है। किले की इमारत का भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू से भी खास रिश्ता रहा है।

साल 1923 में नाभा रिसायत के महाराजा रिपुदमन सिंह को ब्रिटिश साम्राज्य द्वारा सत्ता से हटाए जाने के खिलाफ सिख संगत ने संघर्ष शुरू किया था। इसका समर्थन करने जैतो पहुंचे पंडित जवाहर लाल नेहरू को गिरफ्तार कर लिया गया था और इसी किले की हवालात में बंद किया गया था।
इस हवालात को एक यादगार के रूप में विकसित किया गया था लेकिन इसकी छत भी पिछले साल जुलाई में बारिश की वजह से गिर गई थी और अब किले का बाकी हिस्सा भी मलबे के ढेर में तब्दील हो गया है। लंबे समय से हवालात समेत समुचे किले के रख रखाव पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा था।

राजीव और राहुल गांधी भी कर चुके हैं किले का दौरा
बता दें कि पंडित जवाहर लाल नेहरू की यादों से जुड़ी इस हवालात को देखने राजीव गांधी और राहुल गांधी आ चुके हैं। इसके रखरखाव को तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने 50 लाख रुपये भी खर्च किए थे लेकिन फंड का सही उपयोग ना होने के कारण इसकी हालत में कोई सुधार नहीं हो पाया। अब यह ऐतिहासिक किला बारिश में धराशायी हो गया।

बता दें कि ब्रिटिश साम्राज्य ने नाभा व पटियाला रिसायत के बीच चल रहे तनातनी के बीच नाभा रिसायत के शासक रिपुदमन सिंह को सत्ता से बाहर कर दिया था। इसके खिलाफ एसजीपीसी ने आंदोलन शुरू किया था। एसजीपीसी के आहवान पर नाभा के शासक रिपुदमन सिंह के समर्थन में जैतो में संघर्ष शुरू हुआ। यहां के गुरूद्वारा श्री गंगसर साहिब में अखंड पाठ का भी प्रकाश करवाया गया जिसे ब्रिटिश साम्राज्य ने ग्रंथी को जबरन उठवाकर खंडित कर दिया था जिससे सिख समाज में गुस्सा फैल गया। इस विवाद की सूचना मिलने पर इंडियन नेशनल कांग्रेस ने पंडित जवाहर लाल नेहरू को जैतो भेजा था और 23 सितंबर 1923 को जैतो पहुंचने पर ब्रिटिश शासन ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया।

आज भी रखी है एफआईआर की कॉपी
पंडित नेहरू के खिलाफ केस दर्ज करते हुए उन्हें जैतो किले की हवालात में बंद किया गया था। इतिहासकारों के अनुसार पंडित जवाहर लाल नेहरू की जैतो में पहली बार गिरफ्तारी हुई थी। यह वजह रही है कि आजादी के बाद किले की हवालात को यादगार के रूप में विकसित किया गया। किले की इमारत में ही कई सालों से जैतो थाना भी चल रहा है, हालांकि थाने की नई इमारत का निर्माण किया जा चुका है और पंडित जवाहर लाल नेहरू के खिलाफ उस समय दर्ज हुई एफआईआर की कॉपी थाने में सुशोभित है। इस मामले में नायब तहसीलदार जैतो हीरावंती ने कहा कि किले के इमारत का हिस्सा गिरने के बारे में रिपोर्ट बनाकर जिला प्रशासन को भेज दी गई है और जो भी आदेश आएंगे, उसी के आधार पर अगली कार्रवाई की जाएगी।

 

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