नेशनल हाईवे-44 पर हुआ दर्दनाक हादसे में दो बच्चों समेत चार लोगों की मौत हो गई

शिमला
Shimla himachal pradesh four family members died in accident in karnal
करनाल नेशनल हाईवे-44 पर हुआ दर्दनाक हादसा शिमला शहर के दो परिवारों को कभी न भरने वाले जख्म दे गया। दोनों परिवार आपसे में रिश्तेदार हैं। हादसे में दो बच्चों समेत चार लोगों की मौत हो गई थी। एक की हालत अभी गंभीर बनी हुई जिसका मोहाली में ऑपरेशन चल रहा है। इस हादसे से शहर के हर हिस्से में मातम पसरा हुआ है।

पीड़ित परिवार की एक सदस्य घायल हैं जो एचपीयू में प्रोफेसर हैं। इनके अलावा एक स्टोक्स मेमोरियल स्कूल तो दूसरी संजौली कॉलेज में शिक्षिका थीं हादसे में इन दोनों की मौत हो गई है। हादसा का शिकार हुआ एक बच्चा सेंट एडवर्ड स्कूल का छात्र था तो दूसरा यहीं एक निजी संस्थान में कोचिंग ले रहा था। इसमें से एक परिवार समरहिल तो दूसरा विकासनगर में रहता है।

देररात मिली हादसे की सूचना के बाद से शहर के समरहिल और विकासनगर क्षेत्र में मातम पसरा हुआ है। विवि के पूर्व प्रति कुलपति प्रो. एनके शारदा ने इस हादसे में अपनी सगी बहन सरिता शारदा (एसोसिएट प्रोफेसर लोक प्रशासन संजौली कॉलेज) को खो दिया। इनके अलावा ऊना में रह रही उनकी बहन की बेटी शिवानी (शिक्षिका स्टोक्स मेमोरियल) तथा उसका बेटा कोविंद इस हादसे का शिकार हुआ।कोविंद दसवीं के बाद कोचिंग ले रहा था। इनके अलावा पूर्व प्रति कुलपति प्रो. एनके शारदा की दूसरी बहन एचपीयू के इक्डोल में एसोसिएट प्रोफेसर के पद पर सेवारत मृदुला शारदा हादसे में गंभीर रूप से घायल हुई हैं लेकिन इनके बेटे सनातन की मौत हो गई।

सनातन सेंट एडवर्ड स्कूल में जमा एक कक्षा में पढ़ता था। प्रो. एनके शारदा ने इस हादसे में अपनी सगी बहन के साथ एक भांजी, उसका बेटा और विवि इक्डोल में सेवारत बहन का बेटा खोया है। यह लोग शुक्रवार को दिल्ली से शिमला लौट रहे थे। इसी बीच करनाल के पास यह हादसा हो गया। हादसे ने मृदुला और शिवानी के परिवार के चिराग बुझा दिए।

मोबाइल पर बोले थे, हम शिमला लौट रहे हैं
परिवार का कोई भी सदस्य यकीन नहीं कर पा रहा है कि यह चार लोग अब दुनिया में नहीं हैं। सुबह चलने से पहले इन्होंने मोबाइल पर अपने आने की खबर दी थी। घर पर सभी को इनके आने का इंतजार था। लेकिन रास्ते में हुए दर्दनाक हादसे ने सब उजाड़ दिया। एक झटके में इन परिवारों की खुशियां बिखरी गई। दरवाजे पर होने वाली हर आहट उनके आने का आभास करवा रही हैं, ये जानकर भी कि अभी वो कभी नहीं आएंगे।

परिवार के सदस्य शुक्रवार को हादसे की सूचना मिलते ही करनाल के लिए निकल पड़े थे। सुबह करीब दस बजे मृतकों के शवों को शिमला के लिए लाया गया। देर शाम करीब पांच बजे कनलोग शमशान घाट में एक साथ चारों का अंतिम संस्कार किया गया। प्रो. शारदा ने कहा कि एक साथ चार परिजनों के चले जाने से परिवार सदमे में है।

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