नेताओं का बहिष्कार: पोस्टरों पर किसानों ने लिखा- जब तक कृषि कानूनों की वापसी नहीं, तब तक प्रवेश नहीं

नेताओं का बहिष्कार: पोस्टरों पर किसानों ने लिखा- जब तक कृषि कानूनों की वापसी नहीं, तब तक प्रवेश नहीं

बठिंडा/सुनाम (पंजाब)
कृषि कानूनों के विरोध में किसानों का गुस्सा धीरे धीरे बढ़ता जा रहा है। पंजाब के कई गांवों में ग्रामीणों ने नेताओं का बहिष्कार करना शुरू कर दिया है। पंजाब के बठिंडा जिले में कई गांवों में किसानों ने भारतीय किसान यूनियन एकता सिधुपुर के बैनर तले नेताओं के बहिष्कार के बोर्ड लगा दिए हैं। बोर्ड पर किसानों ने लिखा जब तक कृषि कानून वापस नहीं होते तब तक कोई राजनीतिक दल का नेता गांव में ना आए। इस बीच कोई नेता गांव में आ गया तो वह अपनी सेवा का खुद जिम्मेदार होगा।

पहले तलवंडी साबो के कई गांव में ऐसे बोर्ड किसानों ने लगाए थे। शुक्रवार को गांव नेहियांवाला, महमा सर्जा के किसान दर्शन सिंह, सुखदेव सिंह, बलदेव सिंह के साथ ही अन्य किसान कृषि कानूनों के खिलाफ अपने अपने गांव में केंद्र सरकार खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे। किसानों के हाथ में एक बैनर था, जिसमें नेताओं के बहिष्कार की चेतावनी लिखी थी।

 
किसानों ने कहा कि उन्होंने स्पष्ट तौर पर हर राजनीतिक दल को उक्त बोर्ड के माध्यम से चेतावनी दी है कि कृषि कानूनों की वापसी तक कोई भी नेता हमारे गांव न आए। अगर कोई नेता गांव में आ गया तो वो अपनी सेवा का खुद जिम्मेदार होगा। 

किसानों ने कहा कि कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले नौ माह से किसान दिल्ली की सीमा पर आंदोलन कर रहे हैं। पंजाब के सभी राजनीतिक दलों के नेता किसानों के आंदोलन को अपनी राजनीति के लिए उपयोग कर रहे। इसी वजह से अब किसानों को नेताओं के खिलाफ सख्त निर्णय लेना पड़ेगा।

दिल्ली में किसान आंदोलन की अगुवाई कर रहे किसान नेता जोगिंदर सिंह उगराहां और दर्शनपाल ने बयान जारी कर किसानों से अपील की है कि वो केवल भाजपा का विरोध करें। प्रदर्शनकारी किसानों का कहना है कि वह सभी राजनीतिक दलों का विरोध करेगें तभी कृषि कानून वापस लिया जाएंगे। 

सुनाम में भाजपा नेताओं का बहिष्कार
भाकियू एकता उगराहां ने भाजपा के प्रति कड़ा रुख अख्तियार कर लिया है। संगठन ने भाजपा नेताओं के गांवों में दाखिल होने पर रोक लगा दी है। इन पोस्टरों ने अन्य सियासी दलों के नेताओं की मुसीबत भी बढ़ा दी है। हालांकि संगठन ने अन्य सियासी दलों का तीखा विरोध नहीं करने संबंधी निर्देश दिया है लेकिन पोस्टरों पर लिखा है कि अन्य सियासी दल के नेता अपने साथ पिछले पांच साल में जनता के लिए किए कार्यों का ब्योरा लेकर आएं।

नेताओं के भाषण नहीं सुने जाएंगे बल्कि उनसे विकास को लेकर सवाल पूछे जाएंगे। इन पोस्टरों पर यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष जोगिंदर सिंह उगराहां की तस्वीर भी है। पोस्टर पर लिखा है कि भाजपा के किसी भी नेता का गांव में आना मना है। 

यूनियन की ग्रामीण इकाइयों द्वारा सभी गांवों के प्रवेश द्वार पर ऐसे पोस्टर लगाए जा रहे हैं। यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष जोगिंदर उगराहां ने कहा कि कृषि क्षेत्र को भाजपा की नीतियां डूबो रही हैं। खेती, किसान, मजदूर से लेकर सभी वर्गों के आर्थिक हितों की रक्षा के लिए यूनियन ने भाजपा का जोरदार विरोध करने की रणनीति बनाई है। संयुक्त किसान मोर्चा भी इसी रणनीति को अन्य राज्यों में लागू कर रहा है।

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