इस्लामाबाद: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ पर मुकदमा चलाने के लिए सेना को विश्वास में ले लिया है। सूत्रों ने बताया कि शरीफ ने वर्ष 2007 के आपातकाल मामले में जनरल मुशर्रफ पर मुकदमा चलाने के लिए सेना के आला जनरलों को अपने विश्वास में ले लिया है ताकि सेना और सरकार के बीच कोई गलतफहमी नहीं हो।
इस दौरान वर्ष 1999 के तख्तापलट मामले को नहीं उठाया जाएगा और वर्ष 2007 के असंवैधानिक कृत्यों पर ही मुकदमा चलाया जाएगा। जनरल मुशर्रफ ने 03 नवंबर 2007 को देश में आपातकाल लागू कर दिया था जो लगभग डेढ महीने तक जारी रहा। इस दौरान देश के संविधान को रद्द कर दिया गया था और मुशर्रफ ने देश के राष्ट्रपति और सेना प्रमुख के पद एक साथ संभाले थे।
सूत्रों ने यह भी बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने वर्ष 2009 के अपने निर्णय में न सिर्फ मुशर्रफ को आपातकाल लागू करने का दोषी पाया था बल्कि सरकार को इस बात के भी कहीं कोई सुबूत नहीं मिले कि सरकार अथवा सेना में से किसी व्यक्ति ने मुशर्रफ को संविधान रद्द करने के लिए उकसाया था।