नकली नोट मामले में दो को दोषी ठहराया, सश्रम कारावास और 10 हजार का जुर्माना

नकली नोट मामले में दो को दोषी ठहराया, सश्रम कारावास और 10 हजार का जुर्माना

गुजरात में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की विशेष अदालत ने नकली नोटों की साजिश रचने के मामले में दो लोगों को दोषी ठहराया है और उन्हें दस और सात साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है।

दोषियों को सात और दस साल का कारावास
एनआईए के एक प्रवक्ता ने बताया कि संजय कुमार मोहनभाई देवलिया को 10 साल के कठोर कारावास और 10,000 रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई गई है। जबकि, दूसरे व्यक्ति ताहिर उर्फ कालिया को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की विभिन्न धाराओं के तहत सात साल के सश्रम कारावास और 10,000 रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई गई है।
गुजरात एटीएस ने 2018 में दर्ज किया था मामला
अधिकारी ने बताया कि अहमदाबाद में एनआईए की विशेष अदालत ने इस मामले में फैसला सुनाया। एजेंसी द्वारा साझा की गई विशिष्ट जानकारी पर गुजरात एटीएस ने 2018 में मामला दर्ज किया गया था। बाद में एनआईए ने खुद मामले की जांच अपने हाथ में ले ली थी। प्रवक्ता ने कहा कि एनआईए की गहन पेशेवर और वैज्ञानिक जांच के कारण आरोपियों की गिरफ्तारी हुई और उस रैकेट का भंडाफोड़ किया गया जिसके तहत पश्चिम बंगाल से नकली नोट मंगाने के बाद उन्हें राज्य में प्रसारित करने की कोशिश की गई थी।
पश्चिम बंगाल से खरीदी नकली मुद्रा
उन्होंने कहा, देवलिया ने कोलकाता और फिर ट्रेन से न्यू फरक्का जंक्शन की हवाई यात्रा की थी। वहां 17 अक्तूबर, 2018 को वह ताहिर से मिला और 20,000 रुपये की असली नोट से नकली मुद्रा खरीदी। बाद में उसे गुजरात में गिरफ्तार किया गया और उसके पास से नकली नोट जब्त किए गए।
तीन साल की सुनवाई के बाद ठहराया गया दोषी
प्रवक्ता ने बताया कि जांच के दौरान एनआईए ने गवाहों के बयान दर्ज किए, आरोपियों की आवाज के नमूने लिए, मोबाइल रिकॉर्ड की जांच की और साजिश का पता लगाने और अभियोजन योग्य सबूत जुटाने के लिए अन्य दस्तावेजी सबूत एकत्र किए। उन्होंने कहा कि आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया गया और तीन साल से अधिक समय तक चली सुनवाई के बाद आखिरकार दो आरोपियों को दोषी ठहराया गया।

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