नई व्यवस्था : हरियाणा विधानसभा के शून्यकाल में अब छह-छह मिनट बोल सकेंगे दस विधायक, लोकसभा की तर्ज पर

नई व्यवस्था : हरियाणा विधानसभा के शून्यकाल में अब छह-छह मिनट बोल सकेंगे दस विधायक, लोकसभा की तर्ज पर

चंडीगढ़
अब विधानसभा में लोकसभा की तर्ज पर शुरू किए शून्यकाल के लिए अब नई व्यवस्था लागू होगी। विधायकों को बारी-बारी से तीन मिनट न बुलवाकर एक दिन के लिए दस विधायकों के नाम का ड्रा निकाला जाएगा।

हरियाणा विधानसभा बजट सत्र का शुक्रवार को तीसरा दिन है। अब विधानसभा में लोकसभा की तर्ज पर शुरू किए शून्यकाल के लिए अब नई व्यवस्था लागू होगी। विधायकों को बारी-बारी से तीन मिनट न बुलवाकर एक दिन के लिए दस विधायकों के नाम का ड्रा निकाला जाएगा। एक घंटे में ये विधायक छह-छह मिनट बोलेंगे।

नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा के सुझाव पर स्पीकर ज्ञान चंद गुप्ता ने यह निर्णय लिया। गुरुवार को शून्यकाल में विधायकों को बुलवाने को लेकर हुड्डा ने कहा कि साथी विधायक मोहम्मद इलियास के अनुसार तीन मिनट में तो उनका इंजन भी गर्म नहीं हो पाता, तीन मिनट इंजन ठंडा होने में लगते हैं। इसलिए ड्रा के माध्यम से विधायकों को बुलवाया जाए। स्पीकर ने इसे मान लिया और कहा कि जो विधायक बोलना चाहते हैं, वे स्पीकर कार्यालय के बाहर पेटी में अपने नाम की पर्ची डाल देंगे। सत्र के दौरान हर सुबह साढ़े नौ बजे ड्रा निकाला जाएगा। एक दिन बोलने वाले विधायकों को अगले दिन मौका नहीं मिलेगा। वे अपने नाम की पर्ची नहीं डाल सकेंगे।

हालांकि, इसका इनेलो विधायक अभय चौटाला व कुछ भाजपा विधायकों ने विरोध भी किया। लेकिन स्पीकर निर्णय ले चुके थे। गृह मंत्री अनिल विज ने शून्यकाल को लेकर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि विस नियमों में शून्यकाल का प्रावधान ही नहीं है। इस पर कांग्रेस विधायक रघुबीर कादियान ने कहा कि स्पीकर ने फैसला लिया है, जो अब नियम बन गया। इस दौरान नेता हुड्डा व विज के बीच हंसी-मजाक भी हुआ। विज ने कहा कि ये अपने शासन में हमें उठा-उठाकर बाहर फेंकते थे। इन्हें भी उठाकर बाहर फेंको। स्पीकर साहब, ये प्यार-प्यार में अपनी बातें मनवा लेते हैं। कादियान ने कहा कि आपको हम नहीं आपके कर्म उठवाकर बाहर फिंकवाते थे। विज ने कहा कि, उन्हें हुड्डा के इशारे पर बाहर फेंका जाता था।

हुड्डा भी पीछे नहीं रहे, उन्होंने कहा कि मंत्री जी सो रहे थे। अभी जागे, इसलिए शून्यकाल को लेकर नियमों की याद आ गई। विज मेरे अच्छे मित्र हैं। इन्हें लगता है कि ये अब भी विपक्ष में ही हैं। इसलिए बार-बार बोलने के लिए खड़े हो जाते हैं। स्पीकर ज्ञान चंद गुप्ता ने कहा कि कड़वी यादें भूल जानी चाहिए। विज बोले कि याद भी दिलाना पड़ता है। अभय चौटाला ने कहा कि विज साहब आपकी तबीयत खराब रहती है, क्यों गुस्सा हो रहे हो, फिर स्वास्थ्य बिगड़ जाएगा।

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