धरने पर भाजपाई, सीएम से मिलकर हुए शांत

उत्तराखंड के सीमांत क्षेत्र में विकास की अनदेखी और विपक्ष के विधायकों के साथ योजनाएं स्वीकृत करने में भेदभाव बरतने का आरोप लगाते हुए प्रदेश भाजपा के दिग्गजों ने सचिवालय के बाहर धरना दिया। इसी दौरान बातचीत का बुलावा आने पर भाजपाइयों ने सीएम से मुलाकात कर शिकायत दर्ज कराई।
नेता प्रतिपक्ष व प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि सीएम ने आश्वासन दिया है, यदि कोई समाधान नहीं निकला तो सदन में सरकार को घेरेंगे।

सोमवार को दिया गया धरना खासतौर पर पार्टी केपूर्व प्रदेश अध्यक्ष व डीडीहाट से पार्टी विधायक बिशन सिंह चुफाल केनेतृत्व में था। चुफाल का आरोप है कि उनका क्षेत्र सीमांत है और वहां विकास कार्य पूरी तरह से ठप है।

लेकिन इसी बीच कई मुद्दे और जुड़ गए और चुफाल के साथ प्रदेश अध्यक्ष तीरथ सिंह रावत व नेता प्रतिपक्ष अजय भट्ट, पूर्व स्पीकर व विधायक हरबंश कपूर व विधायक सहदेव सिंह पुंडीर, टिहरी सांसद माला राज्य लक्ष्मी शाह समेत कई नेता धरने पर बैठे।

ग्यारह बजे जैसे ही भाजपाई सचिवालय के बाहर धरने पर बैठे तो सीएम कार्यालय से बातचीत का बुलावा आ गया। उस वक्त तक पूर्व सीएम रमेश पोखरिलाय निशंक भी पहुंच गए थे।

सभी भाजपा नेता मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा से मिलने गए और घंटों तक कई मुद्दों पर बातचीत हुई। भाजपा नेताओं ने सीएम से कहा कि विपक्षी विधायकों के क्षेत्रों में विकास योजनाएं लागू करने में भेदभाव किया जा रहा है।

खासतौर पर सीमावर्ती क्षेत्रों में विकास का काम ठप पड़ा है। निशंक ने कहा कि पूर्ववर्ती भाजपा सरकार ने चार जिलों के गठन का शासनादेश जारी किया था लेकिन इस सरकार ने कुछ नहीं किया। यदि नए जिलों व तहसीलों की जरूरत नहीं है तो उन्हें खत्म कर दिया जाए।

इसके अलावा भाजपा नेताओं ने रुद्रपुर विधायक आरके ठुकराल का मामला भी उठाया। उन्होंने कहा कि इस मामले में दो चार्जशीट न्यायालय में दाखिल हुई है, इसलिए सीबीआई से जांच कराई जाए

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