द्रंग नमक खान में शुरू होगा उत्पादन

मंडी। रियासत कालीन द्रंग नमक खान में अब दोबारा उत्पादन शुरू होगा। इस बारे में हिंदुस्तान साल्ट माइन के चेयरमैन एवं सीएमडी आरके टंडन की शिमला में अतिरिक्त मुख्य सचिव के साथ हुई बैठक में यह फैसला लिया गया। वहीं, वीरवार को हिंदुस्तान साल्ट माइन जयपुर के अधिकारियों ने द्रंग नमक खान का दौरा कर नमक खान में उत्पादन बहाल करने की औपचारिकताओं का जायजा लिया। देश की एकमात्र चट्टानी नमक की खान द्रंग में राज्य सरकार और हिंदुस्तान साल्ट माइनस के बीच रायल्टी विवाद के चलते 22 नवंबर 2011 से उत्पादन ठप पड़ा था। करीब दो हजार टन सालाना चट्टानी नमक का उत्पादन करने वाली द्रंग नमक खान के नमक की मांग स्थानीय स्तर पर ही नहीं, बल्कि पड़ोसी राज्यों पंजाब ,हरियाणा और जम्मू-कश्मीर में भी है। पशुओं के लिए उपयोगी इस नमक का उत्पादन बंद हो जाने से पशुपालकों को अपने पशुओं को बाजार से खाने नमक खरीद कर खिलाना पड़ता था। वहीं, द्रंग नमक में काम करने वालों के अलावा ठेकेदारों, डिपु होल्डरों और ट्रक यूनियन के लोगों का इससे प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से रोजगार जुड़ा था, जो दो सालों से बंद था। मगर अब हिंदुस्तान साल्ट माइनस और राज्य सरकार के बीच रायल्टी विवाद के हल हो जाने से नमक उत्पादन की उम्मीद जगी है। हिंदुस्तान साल्ट माइनस की ओर से राज्य सरकार को 9 लाख 77 हजार रुपये की पहली किस्त रायल्टी के रूप में अदा कर दी गई है। अब शेष बची करीब बीस लाख की राशि 12 किस्तों में अदा की जानी है। जयपुर से आए तकनीकी अधिकारी बीपी मीणा और वीके चतुर्वेदी ने बताया कि राज्य सरकार की ओर से पर्यावरण मंजूरी और माइनिंग विभाग से मंजूरी मिलते ही द्रंग नमक खान में उत्पादन शुरू हो जाएगा। वहीं हिंदुस्तान साल्ट माइनस के मंडी प्रभारी आरटी मानकाना का कहना है कि द्रंग नमक खान उत्पादन के लिए पूरी तरह से तैयार है। राज्य सरकार की ओर से पर्यावरण और माइनिंग की मंजूरी मिलते ही उत्पादन शुरू कर दिया जाएगा। इधर, चट्टानी नमक व्यापार मंडल के प्रधान जयप्रकाश, यशोद्ध नंदन बजीर, नरेश कुमार और अशोक कुमार ने भी द्रंग नमक खान शुरू करवाने बारे मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह और ओएसडी अमितपाल सिंह का आभार जताया है।

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