दिल्ली रेड जोन में, 17 नए मरीज मिले, दो की मौत

नई दिल्ली

करीब एक सप्ताह बाद राजधानी में मरीजों की संख्या में कुछ कमी दिखी है। बुधवार को 17 नए मरीज आए और दो की मौत हो गई। अब तक 32 की मौत हुई है, जबकि 40 ठीक होकर घर जा चुके हैं। 1,578 संक्रमितों में 1,080 जमाती हैं।
वहीं, देश में दिल्ली एकमात्र राज्य है, जिसका 80 फीसदी क्षेत्र रेड जोन, यानी आउटब्रेक दायरे में आता है। बुधवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने राजधानी के 11 में से 9 जिले रेड जोन के तहत घोषित किए हैं। इन जिलों में बनाए कंटेनमेंट जोन के साथ-साथ अन्य स्थानों पर भी नए मरीज सामने नहीं आते हैं तो भी दिल्ली को कोरोना से जंग जीतने में कम से कम एक महीना लगेगा।

मंत्रालय के अनुसार, दिल्ली के दक्षिण, दक्षिण पूर्वी, शाहदरा, उत्तरी, पश्चिमी, सेंट्रल, नई दिल्ली, पूर्वी, दक्षिणी पश्चिमी जिले रेड जोन में हैं। यहां कोरोना संक्रमण की दर काफी ज्यादा है। इन जिलों में अब तक दोगुनी रफ्तार में केस मिलते आए हैं। इनके अलावा, उत्तर पश्चिमी जिले को हॉटस्पॉट घोषित किया गया है, लेकिन वहां कोरोना के कुछ ही केस मिले हैं।

उत्तरी पूर्वी जिले को नॉन हॉटस्पॉट में रखा गया है। हालांकि वहां एहतियात के तौर पर कलस्टर जोन बनाए गए हैं। बाकी दो जिलों में कोरोना वायरस के 15 से कम मरीज होने के चलते उन्हें नॉन हॉटस्पॉट वर्ग में रखा गया है। वहां के जिला प्रशासन कंटेनमेंट जोन की पद्घति पर ही काम करेंगे। इसका मतलब यह है कि दिल्ली का कोई भी जिला ग्रीन जोन में शामिल नहीं है।

दिल्ली स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, राजधानी में बुधवार तक 56 कंटेनमेंट जोन घोषित किए जा चुके हैं। इन स्थानों पर मंत्रालय से मिली गाइडलाइन के अनुसार काम किया जा रहा है। आईएलआई व गंभीर सांस रोगियों के सैंपल लेना, घर-घर जाकर सर्वे, तीन किलोमीटर की परिधि में लोगों का सर्विलांस, बफर जोन में अलर्ट आदि पर काम शुरू हो चुका है। 20 अप्रैल तक दिल्ली में 20 हजार सैंपल की जांच भी कराना शुरू कर दिया गया है।
नहीं मिला मरीज तो ऐसे सुधरेंगे हालत…

स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव कुमार अग्रवाल के अनुसार, कोई जिला रेड जोन है तो उसे तब तक ग्रीन घोषित नहीं किया जा सकता, जब तक वहां स्थिति नियंत्रण में नहीं आए। रेड जोन जिले में कंटेनमेंट प्लान एक्टिव होने के 14 दिन तक कोई केस सामने नहीं आता है तो उसे ऑरेंज जोन में शामिल कर दिया जाएगा। अगले 14 दिन तक ऑरेंज जोन में कोरोना केस नहीं मिलता है तो उसे ग्रीन जिला घोषित कर दिया जाएगा। यानी रेड से ग्रीन जोन में आने में दिल्ली को 28 दिन का समय लगेगा, बशर्ते वहां कोई नया मरीज सामने नहीं आए।
सबसे ज्यादा रेड जोन दिल्ली-तमिलनाडु में
स्वास्थ्य मंत्रालय ने देश के 170 जिलों को रेड जोन घोषित किया है। इनमें राज्यवार स्थिति देखें तो दिल्ली और तमिलनाडु के सबसे ज्यादा जिले रेड जोन में हैं। दिल्ली के 11 में से 9 तो तमिलनाडु के 32 में से 22 जिले रेड जोन में हैं।

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