दिल्ली में प्रदूषण के खिलाफ ग्रीन एप और वार रूम से जंग की तैयारी

दिल्ली में प्रदूषण के खिलाफ ग्रीन एप और वार रूम से जंग की तैयारी

नई दिल्ली
तापमान गिरने के साथ ही दिल्ली सहित एनसीआर की हवा में प्रदूषण बढ़ने लगा है। उधर, पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने का सिलसिला भी शुरू हो गया है। राजधानी में वायु प्रदूषण के खतरे की आहट देखते हुए दिल्ली सरकार ने अभी से सतर्कता बरतनी शुरू कर दी है। इसी के तहत मास्टर प्लान तैयार किया है ताकि कोरोना के दौर में लोगों को प्रदूषण की वजह से परेशानी नहीं झेलनी पड़े।

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को प्रदूषण के खिलाफ महाअभियान का आगाज करते हुए सभी एजेंसियों के साथ बैठक कर योजना तैयार की। उन्होंने कहा कि महाअभियान के जरिए आज से ही दिल्ली में प्रदूषण के खिलाफ जंग छेड़ दी गई है, जो अगले तीन-चार महीने तक जारी रहेगी।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को कहा कि पराली जलने से सबसे अधिक प्रदूषण फैलता है। इसकी रोकथाम के लिए करोल बाग स्थित पूसा इंस्टीट्यूट ने एक रासायनिक घोल तैयार किया है। बड़े ही सरल तरीके से इस घोल को पराली पर छिड़क दिया जाए तो पराली खाद में तब्दील हो जाती है। केमिकल के छिड़काव से पूरा डंठल खाद बन जाता है। वह मंगलवार को पूसा इंस्टीट्यूट जाकर स्वंय इसका परीक्षण देखेंगे। इसके बाद इस घोल का छिड़काव शुरू कर दिया जाएगा।
केजरीवाल ने बताया कि प्रदूषण पर काबू पाने के लिए ‘ग्रीन दिल्ली’ एप विकसित किया जा रहा है, जो इसी महीने बनकर तैयार हो जाएगा। इस एप के माध्यम से आम लोग प्रदूषण संबंधी शिकायत दर्ज करा सकेंगे। मुख्यमंत्री ने बताया कि अगर कहीं कूड़ा जल रहा हो, ट्रक प्रदूषण फैला रहे हो या अन्य किसी तरीके से शहर प्रदूषित हो रहा हो तो इस एप के माध्यम से दिल्ली के लोग वीडियो या फोटो अपलोड करेंगे। हर तरह की शिकायत का समाधान इस एप के माध्यम से किया जाएगा। एप पर मिलने वाले शिकायतों की निगरानी मुख्यमंत्री खुद करेंगे।

इस तरह प्रदूषण पर काबू पाएगी सरकार काटे गए पेड़ों को ट्रांसप्लांट करना होगा
मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदूषण पर नियंत्रण की दिशा में दिल्ली सरकार एक वॉर रूम तैयार कर रही है। इसमें प्रदूषण रोकने के उपायों की रोकने मॉनिटरिंग की जाएगी। इसी के साथ दिल्ली सरकार नई ट्री-प्लांटेशन नीति तैयार कर रही है। कोई भी एजेंसी पेड़ काटती है तो 80 प्रतिशत पेड़ों को जैसी स्थिति में है वैसी ही स्थिति में स्थानांतरित करना होगा। एक पेड़ काट कर दस पौधा लगाने की नीति में इस तरह से बदलाव किया जाएगा। इसी तरह 80 प्रतिशत पेड़ों को ट्रांसप्लांट किया जाएगा। इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी के तहत इस साल लोगों को सब्सिडी भी मिलने लगेगी।

एंटी डस्ट कैंपेन शुरू करेगी सरकार
प्रदूषण रोकने के लिए दिल्ली सरकार एंटी डस्ट कैंपेन शुरू करेगी। मिट्टी उड़ने की वजह से भी प्रदूषण फैलता है, इसके लिए निर्माणाधीन स्थलों की लगातार निगरानी की जाएगी। नियमों का उल्लंघन करने पर चालान किया जाएगा। मेकेनिकल स्वीपर यानी स्वचालित मशीन से सड़कों की सफाई की जाएगी। सड़क पर झाड़ू लगाने से धूल उड़ती है, जो वायु प्रदूषण की कारण बनती है। इससे निजात मिलेगा। सड़क पर जो भी गड्ढें हैं उन्हें ठीक किया जाएगा ताकि मिट्टी वहां जमा नहीं हो सके। एंटी स्मॉग गन का इस्तेमाल भी किया जाएगा।

13 हॉट स्पॉट चिन्हित किए
मुख्यमंत्री ने बताया कि दिल्ली में 13 हॉट स्पॉट चिन्हित किए गए हैं, जहां सबसे अधिक प्रदूषण फैलता है। ऐसे स्थलों के लिए अलग से योजना तैयार की गई है।
आसपास के राज्यों से अपील है कि पराली जलाने पर रोक नहीं लगा सकते तो कम से कम जिस तरह के कदम दिल्ली सरकार उठा रही है वैसे ही इस समस्या के समाधान की दिशा में काम करें। सभी को मिलकर हवा को साफ करना होगा। दिल्ली के 300 किलोमीटर के दायरे में कोयला से बिजली बनाने के 11 प्लांट है। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बावजूद ये प्लांट चल रहे हैं। इन पर रोक लगाने की आवश्यकता है।
– अरविंद केजरीवाल, मुख्यमंत्री, दिल्ली

 

Related posts