दिल्ली गैंगरेप के द‌रिंदों पर 11 धाराओं का शिकंजा

दिल्ली पुलिस ने 23 वर्षीया पैरामेडिकल छात्रा से गैंगरेप के मामले में 18 दिनों बाद बृहस्पतिवार को अदालत में चार्जशीट (आरोप पत्र) दाखिल की। चार्जशीट में बलात्कार करने वाले पांच दरिंदों पर भारतीय दंड संहिता के तहत हत्या, गैंगरेप, हत्या के प्रयास, अपहरण, अप्राकृतिक अपराध, डकैती, सबूत नष्ट करना, आपराधिक षड्यंत्र और सामूहिक अपराध के आरोप लगाए गए हैं।

दोषी पाए जाने पर इन्हें फांसी की सजा दी जा सकती है। चार्जशीट में छठे आरोपी का नाम दर्ज नहीं किया है क्योंकि उसने खुद के नाबालिग होने का दावा किया है। उसका मामला जुविनाइल जस्टिस बोर्ड के सामने पेश किया जाएगा। वैसे पुलिस उसकी मेडिकल रिपोर्ट का इंतजार कर रही है।

16 दिसंबर की रात को हुई इस शर्मनाक घटना ने पूरे देश को झकझोर दिया था। आज भी इसे लेकर जनाक्रोश सुलग रहा है और जगह-जगह पीड़िता को इंसाफ दिलाने के लिए प्रदर्शन हो रहे हैं। उल्लेखनीय है कि
पीड़िता की 29 दिसंबर को सिंगापुर में इलाज के दौरान मौत हो गई थी।

पुलिस ने पूरे मामले की एक हजार पन्नों की चार्जशीट तैयार की है, जिसमें 33 पन्नों में पूरा घटनाक्रम दर्ज है। चार्जशीट को मैट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट सूर्य मलिक ग्रोवर के सम्मुख पेश किया गया। साथ ही सरकारी वकील ने आवेदन किया कि सीलबंद लिफाफे में प्रस्तुत पीड़िता के नाम को सार्वजनिक न किया जाए और पूरी सुनवाई कैमरे के सम्मुख की जाए।

पुलिस ने मांग की है कि सुनवाई से आम जन को दूर रखा जाए। अदालत ने मामले की अगली सुनवाई पांच जनवरी को करने का फैसला किया। पुलिस ने करीब 40 लोगों को अपनी तरफ से गवाह बनाया है।

पुलिस ने चार्जशीट में कहा है कि बलात्कार को आरोपियों ने ‘योजनाबद्ध’ ढंग से अंजाम दिया था। सरकारी वकील राजीव मोहन ने मीडिया से कहा, ‘हमने सभी छह आरोपियों के खिलाफ धारा 120-बी लगाई है, जिसमें सुनियोजित अपराध शामिल हैं।’

उन्होंने कहा कि हर आरोपी ने इस घृणित अपराध में विशेष भूमिका निभाई। ऐसे में वे सभी समान रूप से दोषी हैं। हमारे पास इनके खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं, जिनमें कथित नाबालिग आरोपी भी शामिल है। मोहन के अनुसार डीएनए रिपोर्ट से साफ हो गया है कि इन सभी ने अपराध किया है।

जिन आरोपियों के नाम चार्जशीट में हैं, वे हैं: राम सिंह, मुकेश सिंह, पवन गुप्ता, विनय शर्मा और अक्षय ठाकुर। इन लोगों ने पीड़िता से दुराचार करने के अलावा उसके मित्र को बुरी तरह पीटा था। फिर दोनों को चलती बस से फेंक दिया था।

आरोपियों के खिलाफ अदालत परिसर में मौजूद वकीलों में जबर्दस्त गुस्सा था और कोर्टरूम में मौजूद कई वकील मांग कर रहे थे कि दरिंदों को जनता के हवाले कर दिया जाए। जनता ही उनसे निबटेगी।

वसंत विहार गैंगरेप में दर्ज धाराएं व सजा का प्रावधान
आईपीसी 302-(हत्या) फांसी या आजीवन कारावास
आईपीसी 307-(हत्या का प्रयास) दस साल की सजा व जुर्माना
आईपीसी 365-(अपहरण) सात साल की सजा व जुर्माना
आईपीसी 376 जी- (सामूहिक दुष्कर्म) आजीवन या दस साल तक की सजा व जुर्माना
आईपीसी 377- (कुकर्म) आजीवन कारावास या दस साल की सजा व जुर्माना
आईपीसी 394- (लूटपाट) आजीवन कारावास या दस साल की सजा व जुर्माना
आईपीसी 395- (डकैती) आजीवन कारावास या दस साल की सजा जुर्माना
आईपीसी 120बी- (आपराधिक षड्यंत्र) जिस अपराध की साजिश की गई, उसकी सजा के बराबर सजा
आईपीसी 396- (डकैती के दौरान हत्या) फांसी, आजीवन कारावास या दस साल की सजा व जुर्माना
आईपीसी 201- (सबूत मिटाना) सात साल की सजा या जुर्माना
आईपीसी 34-एक से ज्यादा का वारदात में शामिल होना

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