तो क्या विधानसभा से बाहर हो जाएंगे हरक ‌सिंह रावत

नैनीताल हाईकोर्ट ने कृषि मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत की विधानसभा सदस्यता रद्द करने संबंधी याचिका पर सुनवाई के बाद याचिका को स्वीकार कर मामले की अंतिम सुनवाई के लिए 27 दिसंबर की तिथि नियत की है।

संयुक्त खंडपीठ के समक्ष हुई सुनवाई
न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया एवं न्यायमूर्ति सर्वेश कुमार गुप्ता की संयुक्त खंडपीठ के समक्ष बुधवार को मामले की सुनवाई हुई।

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नेता प्रतिपक्ष अजय भट्ट ने हाईकोर्ट में स्पेशल अपील दायर कर 10 जुलाई, 2012 को पारित एकलपीठ के आदेश को चुनौती दी थी।

जिसमें न्यायालय ने कृषि मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत के पक्ष में फैसला देते हुए याचिका को खारिज कर दिया था। स्पेशल अपील में कहा गया था कि कृषि मंत्री हरक सिंह रावत को काबीना मंत्री रहते हुए 7 अगस्त 2012 को उत्तराखंड बीज एवं तराई विकास निगम का चेयरमैन नियुक्त कर दिया गया।

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निगम का चेयरमैन लाभ के पद के दायरे में आता है। संविधान के अनुच्छेद 191 के तहत ऐसे सदस्य की सदस्यता रद्द करने का प्राविधान है। इसको देखते हुए रावत की सदस्यता रद करने के आदेश पारित किए जाएं।

शक्तियों का उपयोग करने की मांग
याचिका में कहा कि भाजपा के विधायकों ने 2 अप्रैल 2013 को राज्यपाल से मिल कर इस मामले में संविधान के अनुच्छेद 192 में दी गई शक्तियों का उपयोग करने की मांग की थी किंतु राज्यपाल ने इस पर विचार नहीं किया।

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बल्कि रावत की ओर से हासिल किए गए पदों को लाभ के दायरे से बाहर करने के आदेश पारित कर दिए। पक्षों की सुनवाई के बाद हाईकोर्ट की खंडपीठ ने याचिका को स्वीकार करते हुए मामले की अंतिम सुनवाई के लिए 27 दिसंबर की तिथि नियत की है।

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