तबादला नीति का विरोध, नाराज ग्रामीणों ने स्कूलों पर जड़े ताले, नारेबाजी

तबादला नीति का विरोध, नाराज ग्रामीणों ने स्कूलों पर जड़े ताले, नारेबाजी

हरियाणा
शिक्षा विभाग की तबादला नीति के विरोध में जींद के गांव जलालपुर कलां में सुबह आठ बजे ग्रामीणों व स्कूली बच्चों ने राजकीय हाई स्कूल के गेट पर ताला जड़ दिया। इस दौरान स्कूल पहुंचे अध्यापकों को बाहर ही खड़ा रहना पड़ा। साढ़े नौ बजे ग्रामीणों को उप शिक्षा अधिकारी ने अध्यापकों का तबादला नहीं करने का आश्वासन दिया, इसके बाद ही ग्रामीणों ने गेट का ताला खोला।

गांव जलालपुर कलां में सोमवार सुबह ग्रामीणों ने राजकीय उच्च विद्यालय के गेट पर ताला जड़ दिया और धरने पर बैठ गए। ग्रामीणों का कहना था कि स्कूल से अध्यापकों का तबादला कहीं और कर दिया गया है। इसके चलते उनके बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होगी। ग्रामीणों ने मांग की कि अध्यापकों के तबादले को रद्द करते हुए इस सत्र को पूरा करवाया जाए।

ग्रामीण रोहताश, रामफल ने बताया कि पहले ही गांव के स्कूल में अध्यापकों की कमी है। इसके बावजूद शिक्षा विभाग ने गणित, हिंदी व विज्ञान के अध्यापकों का यहां से तबादला कर दिया। इससे बच्चों की पढ़ाई कैसे होगी। लगभग साढ़े नौ बजे उप जिला शिक्षा अधिकारी सुमित्रा देवी स्कूल में पहुंची और ग्रामीणों को आश्वासन देकर ताला खुलवाया। ग्रामीणों ने कहा कि यदि तबादला नहीं रोका गया तो वह फिर से स्कूल को ताला जड़ देंगे। हिसार के नंगथला के ग्रामीणों ने राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय के गेट पर प्रदर्शन किया। गांव जमावड़ी के सरकारी स्कूल को ग्रामीणों ने ताला जड़ा।

झज्जर: रेशनेलाइजेशन के विरोध में खेड़ी आसरा के ग्रामीणों ने जड़ा स्कूल पर ताला
स्कूलों में अध्यापकों के रेशनेलाइजेशन के विरोध में ग्रामीण सामने आने लगे हैं। सोमवार को झज्जर के खेड़ी आसरा के स्कूल पर ग्रामीणों ने इसके विरोध में स्कूल के गेट पर ताला जड़ दिया। किसी भी बच्चे को स्कूल में नहीं जाने दिया गया। ग्रामीणों ने कहा कि सरकार की यह पॉलिसी पूरी तरह से गलत है क्योंकि पहले ही स्कूलों में अध्यापकों के पद रिक्त पड़े हैं। उनको भरने की वजह सरकार स्कूलों में पदों को खाली कर रही है। इससे विद्यार्थियों की पढ़ाई पर बुरा प्रभाव पड़ेगा और सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले गरीब व आम आदमी के बच्चों का भविष्य खराब होगा।

इसके विरोध में ग्रामीणों ने ताला जड़ा है। अगर सरकार ने यह प्रक्रिया वापस नहीं ली तो और बड़ा आंदोलन करने के लिए ग्रामीण मजबूर होंगे, हालांकि स्कूल पर ताला करने के बावजूद शिक्षा विभाग का कोई भी अधिकारी फिलहाल मौके पर नहीं पहुंचा था।
रेवाड़ी में भी विरोध में आए छात्र
रेवाड़ी के कोसली क्षेत्र के गांव बिसोहा में स्थित हाई स्कूल के गेट पर छात्र-छात्राओं ने नई शिक्षा नीति के तहत 13 शिक्षकों की पोस्ट में दस को खत्म करने के विरोध में ताला जड़ दिया है। स्कूल को ताला जड़ कर गेट के बाहर बैठ गए। बच्चों को स्कूल के गेट को ताला लगा कर बैठने की सूचना मिलते ही गांव के महिला-पुरुष भी बड़ी संख्या में स्कूल पहुंचे और बच्चों के साथ धरने पर बैठ गए। मौके पर खंड शिक्षा अधिकारी कंवर सिंह बच्चों को मनाने के प्रयास में लगे हैं।
टोहाना में तीन गांवों में ग्रामीणों ने स्कूलों पर जड़ा ताला
टोहाना के गांव चंदड़कलां, ठरवा व पिरथला में शिक्षा विभाग की ट्रांसफर पॉलिसी के तहत शिक्षकों, लेक्चरर के तबादला नीति के विरोध में गांवों के ग्रामीणों ने राजकीय विद्यालय के गेट को ताला लगाकर प्रदर्शन किया। ग्रामीणों ने सरकार से मांग की कि बोर्ड की परीक्षाएं नजदीक आ रही है लेकिन सरकार द्वारा ट्रांसफर पॉलिसी के तहत शिक्षकों के तबादले किए जा रहे हैं जो गलत है, इससे स्टाफ की कमी होगी तथा बच्चों की शिक्षा प्रभावित होगी।

गांव पिरथला के निवर्तमान सरपंच दलवीर सिंह ने बताया कि सरकार की ट्रांसफर नीति के तहत अध्यापकों का तबादला होने से स्कूल में शिक्षकों की कमी हो जाएगी जिससे बच्चों की पढ़ाई बाधित होगी है। उन्होंने कहा कि सरकार को स्कूलों में शिक्षकों की कमी को सरकार द्वारा पूरा करना चाहिए ताकि बच्चों की पढ़ाई खराब न हो। उन्होंने सरकार से मांग करते हुए कहा कि गांव पिरथला के सरकारी स्कूल को सीनियर सेकेंडरी स्कूल तक अपग्रेड किया जाए, ताकि बच्चों को उच्च स्तर की शिक्षा गांव में ही मिल जाए। उन्होंने कहा कि इस गांव में शिक्षा ग्रहण करने के लिए गांव पिरथला, पारता, ठरवी, ठरवा सहित सात गांव के बच्चे पढ़ने के लिए आते हैं। इस दौरान छात्रों ने बताया कि वह दसवीं कक्षा में पढ़ते है तथा उसकी बोर्ड की परीक्षा होनी है लेकिन सरकार की शिक्षक तबादला पॉलिसी के तहत सभी अध्यापकों का तबादला हो जाएगा, जिससे अध्यापको की कमी हो जाएगी। उन्होंने सरकार से मांग करते हुए कहा कि इस शिक्षक ट्रांसफर पॉलिसी पर रोक लगाई जाए ताकि स्टाफ कम न हो सके।

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