ट्रीटमेंट प्लांट पर हर दिन हजार रुपये जुर्माना

शिमला। राज्य के विभिन्न भागों से आने वाले बायो मेडिकल वेस्ट को ठिकाने लगाने का जिम्मा उठाने वाले ट्रीटमेंट प्लांट पर नगर निगम की 16 लाख की देनदारी हो गई है। पंद्रह माह से प्लांट के संचालकों ने एमसी को मासिक शुल्क नहीं चुकाया। ऐसे में नगर निगम ने प्लांट संचालक को नोटिस भेजकर जल्द भुगतान का अल्टीमेटम दिया है। प्लांट संचालक से नगर निगम पंद्रह माह से शुल्क नहीं चुकाने में बरती गई कोताही पर प्रतिदिन एक हजार रुपये के हिसाब से जुर्माना भी वसूलेगा।
नगर निगम के अधीन चल रहे बायो मेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट का उद्घाटन मुख्यमंत्री ने एक नवंबर 2002 को आईजीएमसी के समीप किया था। यहां विभिन्न जिलों के अस्पतालों से बायो मेडिकल कचरा ठिकाने लगाने के लिए पहुंचता है। बायो मेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट को नगर निगम ने ठेके पर दिया है। चंडीगढ़ की कंपनी को तीन साल के लिए इसका ठेका दिया गया है। कंपनी प्लांट के आधुनिकीकरण का काम करेगी और निगम को हर महीने 76 हजार रुपये का भुगतान भी करेगी। अगर माह की दस तारीख तक भुगतान नहीं किया जाता है तो 11वें दिन से प्रतिदिन एक हजार रुपये जुर्माना किए जाने का प्रावधान है।
लेकिन पंद्रह माह से प्लांट संचालकों ने नगर निगम को 76,100 रुपये का भुगतान नहीं किया है। इसके चलते मासिक शुल्क का आंकड़ा 11 लाख 41 हजार 500 रुपये हो गया है। वहीं पंद्रह माह के दौरान जोड़े गए जुर्माने की राशि का आंकड़ा करीब पांच लाख हो गया है। कुल मिलाकर प्लांट संचालकों से नगर निगम ने 16 लाख रुपये वसूलने हैं।
नगर निगम के मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी डा. उमेश भारती ने बताया कि प्लांट संचालकों को नोटिस जारी कर दिया गया है। मासिक शुल्क सहित जुर्माने की राशि का जल्द भुगतान करने के निर्देश भी दिए हैं। नोटिस के बाद भी अगर प्लांट संचालकों ने शुल्क का भुगतान नहीं किया तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

जून 2011 में सौंपा था प्लांट
नगर निगम ने बायो मेडिकल वेस्ट को ठिकाने लगाने का जिम्मा निजी कंपनी को जून 2011 में सौंपा था। जून से लेकर अगस्त 2011 तक प्लांट को स्थापित करने का समय दिया गया था। सितंबर 2011 से कंपनी को यहां पर काम शुरू करना था। इस बाबत एफिडेविट पर शर्तें तय हुई थी।

भुगतान नहीं किया तो होगी कार्रवाई : भारती
नगर निगम के मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी डा. उमेश भारती ने नोटिस देने की पुष्टि की है। उन्होंने कहा है प्लांट ने कितने माह से शुल्क नहीं चुकाया है, इसकी जानकारी जुटाई जा रही है।

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