टिक्कर-खमाडी सड़क की अपग्रेडेशन ठंडे बस्ते में!

रामपुर बुशहर। बहुचर्चित टिक्कर-खमाडी सड़क का अपग्रेडशन कार्य ठंडे बस्ते में पड़ता नजर आ रहा है। समय पर काम शुरू न होने पर अपग्रेडशन कार्य की लागत बढ़कर 19 करोड़ पहुंच गई है। लोक निर्माण विभाग ने रिवाइज्ड डीपीआर तैयार तो कर दी है लेकिन सवाल यह है कि बढ़ी हुई लागत के साढ़े पांच करोड़ कहां से आएंगे। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत केंद्र सरकार ने अपग्रेडशन कार्य के लिए सिर्फ साढ़े 13 करोड़ देने स्वीकृत किए हैं।
उप तहसील ननखड़ी की कई पंचायतों को जोड़ने वाली टिक्कर-खमाडी सड़क के सुदृढ़ीकरण की मुहिम 2007 में शुरू हुई थी। करीब 52 किलोमीटर लंबी सड़क के अपग्रेडेशन के कार्य के लिए केंद्र सरकार वर्ष 2007 में साढ़े 13 करोड़ स्वीकृत कर चुकी है। बावजूद इसके आज तक इसकी हालत ज्यों की त्यों है। सड़क की हालत संवारने का कार्य अब तक न किए जाने के चलते इसकी लागत बढ़ गई है।
पांच वर्षों में अपग्रेडेशन कार्य की लागत में करीब साढ़े पांच करोड़ की बढ़ोतरी हो गई है। लोक निर्माण विभाग ने रिवाइज्ड डीपीआर तैयार की है जिसमें अपग्रेडेशन कार्य की कुल लागत 19 करोड़ आंकी गई है। पहले से यह सड़क मेंटेनेंस शर्त के फेर में है। अब लागत में बढ़ोतरी के रूप में इसमें नया पेंच आ गया है। केंद्र सरकार अपग्रेडेशन कार्य के लिए जब पांच साल पूर्व साढ़े 13 करोड़ रुपये स्वीकृत कर चुकी है तो फिर बढ़े साढ़े पांच करोड़ कहां से आएंगे। सवाल यह है कि अब बढ़े पांच करोड़ रुपये केंद्र सरकार देगी या फिर प्रदेश सरकार। जब तक दोनों सरकारों में इस पर स्थिति साफ नहीं हो पाती, तब तक अपग्रेडशन कार्य शुरू होने की कोई उम्मीद नहीं है। लिहाजा, ननखड़ीवासियों को बदहाल सड़क से निजात पाने के लिए और इंतजार करना पड़ेगा।
लोनिवि ननखड़ी के एसडीओ सुरजीत कुमार ने अपग्रेडेशन कार्य की लागत में इजाफे की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि 19 करोड़ की रिवाइज्ड डीपीआर तैयार कर उच्चाधिकारियों को भेज दी गई है।

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