शिमला। अगर आपकी जेब में दो सौ रुपये नहीं हैं तो इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज में स्ट्रेचर या व्हील चेयर नहीं ले सकेंगे। आईजीएमसी में यह काम स्वयं सेवी संस्था के जिम्मे है। यह संस्था व्हील चेयर और स्ट्रेचर के लिए दो सौ रुपये बतौर सिक्योरिटी लेती है। आईजीएमसी में बेटे के साथ आए सुरेश ने बताया कि उनके बेटे की टांग में चोट लग गई। जेब में कितने रुपये हैं, इस बात की परवाह किए बगैर वे आनन फानन में बेटे को लेकर आईजीएमसी पहुंच गए। यहां पहुंचे तो स्ट्रेचर के लिए दो सौ रुपये मांगे गए। जेब खंगाली तो इतने रुपये नहीं थे। लाख मिन्नतों के बाद भी स्ट्रेचर नहीं दिया गया। मजबूरी में बेटे को गोद में उठाकर ही इधर से उधर जाना पड़ा। उधर, एमएस रमेश चंद ने कहा कि वे संस्था के पदाधिकारियों के साथ बैठक कर इस मसले पर बात करेंगे।
Related posts
-
मुंबई की तर्ज़ पर एचआरटीसी शिमला में तैयार करेगी बस म्यूजियम
हिल स्टेशन शिमला में पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए हिमाचल पथ परिवहन निगम का सराहनीय... -
सीएम सुक्खू पहले करेंगे तिरुपति बाला जी के दर्शन, फिर शुरू करेंगे चुनावी अभियान
सीएम सुक्खू चुनावी अग्नि परीक्षा देने से पूर्व तिरुपति बाला जी का आशीर्वाद प्राप्त कर विरोधी... -
चुनाव प्रचार के दौरान बागवान नेताओ से पूछेंगे यह सवाल, हलके में लिया तो आगे सोच समझकर मांगे वोट
प्रदेश के बागवान ही नहीं बल्कि देश में सभी सेब उत्पादक राज्य के बागवान चिंतित है...