जिले में गेहूं उत्पादन पर खतरे के बादल

ऊना। जिलाभर में शनिवार रात और रविवार को हुई भारी बारिश से तापमान में गिरावट दर्ज की गई है। इससे गेहूं की फसल पर पीला रतुआ रोग के आक्रमण की संभावनाएं बढ़ गई हैं। कृषि विशेषज्ञ भी फसलों को बचाने के लिए इन दिनों किसानों से लगातार संपर्क बनाए हुए हैं। इस सीजन में गेहूं की बंपर पैदावार होने की उम्मीद थी। समय-समय पर बारिश होने के चलते सब कुछ ठीक-ठाक चल रहा था, लेकिन पिछले एक माह से खलिहानों में पीला रतुआ रोग के हमले से किसानों की मुसीबतें बढ़ गई हैं। तापमान में वृद्धि होने से इस रोग का असर कम होता है पर, पिछले 15 दिन के भीतर दो बार बारिश होने से अंतिम पड़ाव में पहुंच रही फसलों को क्षति होने की संभावनाएं बढ़ गई हैं। किसानों में सतीश कुमार, सुरेंद्र ठाकुर, राम सिंह, शशिपाल राणा, जसवंत सिंह, जगदेव ठाकुर, अतुल शर्मा का कहना है कि एक ओर जहां बारिश फसलों के लिए काफी फायदेमंद साबित होगी, वहीं तापमान का गिरना उतना ही नुकसानदायक है। कृषि उपनिदेशक हरबंस राणा ने बताया कि किसान टिल्ट नामक दवा का नियमित समय पर छिड़काव करते रहें, इससे रोग की रोकथाम में सहायता मिलेगी। जिला के अंब और बंगाणा खंड इस रोग की चपेट में अधिक हैं। जबकि ऊना मुख्यालय के आसपास भी कुछ क्षेत्रों में इस रोग के लक्षण फसलों में देखे गए हैं।

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