शिमला
हिमाचल प्रदेश में आठ निजी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को अयोग्य करार देने के बाद अब 45 निजी कॉलेजों के प्रिंसिपल भी अयोग्य पाए गए हैं। राज्य निजी शिक्षण संस्थान विनियामक आयोग की प्रारंभिक जांच में यह खुलासा हुआ है। आयोग ने 61 कॉलेजों की जांच की है। इनमें 16 कॉलेजों के प्रिंसिपल योग्य पाए गए हैं। जांच के दौरान संस्कृत, नर्सिंग, मैनेजमेंट और डेंटल कॉलेजों से एक भी प्रिंसिपल मानकों पर सही नहीं उतरा है। आयोग अभी 100 और कॉलेजों के दस्तावेज खंगाल रहा है।
अयोग्य करार दिए प्रिंसिपलों के कॉलेजों को आयोग ने नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। कॉलेजों का पक्ष सुनने के बाद आयोग आगामी कार्रवाई करेगा। इन कॉलेजों पर आरोप है कि प्रिंसिपलों की नियुक्ति से पहले संबद्ध विश्वविद्यालयों से मंजूरी नहीं ली, नियमित प्रिंसिपल नियुक्त नहीं किए, नियुक्ति प्रक्रिया का भी पालन नहीं किया, तकनीकी शिक्षा बोर्ड से भी मंजूरी नहीं ली गई है।
उल्लेखनीय है कि निजी कॉलेजों के प्रिंसिपलों की नियुक्ति प्रक्रिया और शैक्षणिक योग्यता जांचने के लिए आयोग ने हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के पूर्व प्रो वीसी डॉ. एनके शारदा की अध्यक्षता में जांच कमेटी का गठन किया है। फरवरी में कई कॉलेजों की ओर से अधूरी जानकारी भेजी गई थी। इसके बाद आयोग ने सभी कॉलेजों को नया परफार्मा जारी किया था। 25 फरवरी तक आयोग के पास 61 कॉलेजों ने जानकारी भेजी है।
किस कॉलेज के कितने प्रिंसिपल योग्य और अयोग्य
श्रेणी कुल कॉलेज योग्य अयोग्य
बीएड/एमएड 18 10 08
फार्मेसी 10 03 07
संस्कृत 04 00 04
डिग्री 05 01 04
नर्सिंग 14 00 14
लॉ 03 01 02
मैनेजमेंट 02 00 02
डेंटल 02 00 02
इंजीनियरिंग 03 01 02
प्रारंभिक जांच में कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। 61 कॉलेजों की जांच पूरी हुई है। 45 कॉलेजों को पक्ष रखने के लिए समय दिया जाएगा। संतोषजनक जवाब नहीं मिला तो नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। – मेजर जनरल सेवानिवृत्त अतुल कौशिक, निजी शिक्षण संस्थान नियामक आयोग के अध्यक्ष