जहरीली शराब से मरने वालों की संख्या 105 हुई, पुलिस कर रही ताबड़तोड़ छापेमारी

जहरीली शराब से मरने वालों की संख्या 105 हुई, पुलिस कर रही ताबड़तोड़ छापेमारी

चंडीगढ़
पंजाब में जहरीली शराब पीने से मरने वालों का आंकड़ा बढ़ता ही जा रहा है। रविवार को तरनतारन में 17 और बटाला में दो लोगों ने दम तोड़ दिया। इसी के साथ सूबे में जहरीली शराब ने अब तक 105 लोगों की जान ले ली है। अकेले तरनतारन में ही 80 लोगों की मौत हो गई है। इसके अलावा बटाला में कुल 13 और अमृतसर में 12 लोगों की जान गई है। वहीं, छह जिलों अमृतसर, पठानकोट, बठिंडा, फरीदकोट, फिरोजपुर और पटियाला में पुलिस ने ताबड़तोड़ छापे मारकर अवैध शराब का कारोबार करने वाले 30 लोगों को गिरफ्तार किया है। उनसे बड़ी मात्रा में शराब भी बरामद की गई है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस मामले में किसी भी सरकारी कर्मचारी या अन्य की मिलीभगत सामने आने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने नकली शराब बनाने और बेचने से रोकने में पुलिस और आबकारी विभाग की नाकामी को शर्मनाक करार दिया। उन्होंने कहा कि किसी को भी हमारे लोगों को जहर पिलाने की हरगिज इजाजत नहीं दी जाएगी।
इस मामले में शामिल सभी लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का संकल्प दोहराते हुए मुख्यमंत्री ने चेतावनी दी कि जो भी नकली शराब बेचने के धंधे में शामिल हैं, वे तुरंत बंद कर दें या फिर गंभीर नतीजे भुगतने के लिए तैयार रहें।मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने पुलिस को दोषियों की खोज करने और इस केस में शामिल सभी व्यक्तियों पर आरोप तय करने के आदेश दिए हैं।
इस केस में उन्होंने बीते दिन ही डिवीजनल कमिश्नर को मजिस्ट्रियल जांच करने के आदेश दिए हैं और एक महीने में अपनी रिपोर्ट सौंपने को कहा है। उन्होंने कहा कि ऐसी गैरकानूनी गतिविधि को सहन नहीं किया जाएगा।

2012 और 2016 में पिछली सरकार के दौरान भी हुई थीं ऐसी घटनाएं
शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल को इस दुखद घटना, जिसमें अनेक परिवार बर्बाद हो गए हैं, का सियासीकरण न करने की अपील करते हुए कैप्टन ने कहा कि अकाली-भाजपा के शासनकाल के दौरान भी ऐसे मामले घट चुके हैं। साल 2012 और साल 2016 में क्रमश: गुरदासपुर और बटाला में ऐसी ही घटनाएं हुई थीं। उन्होंने कहा कि इन घटनाओं में भी कई जानें गई थीं और बटाला केस में तो एफआईआर भी दर्ज नहीं हुई और न ही मुख्य दोषी के खिलाफ कोई कार्यवाही की गई थी।

 

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