जम्मू-कश्मीर में प्रतिबंध खत्म होते ही हिंसक प्रदर्शन, पत्थरबाजी की आशंका से केंद्र सतर्क

नई दिल्ली
Violent protests as soon as the ban in Jammu and Kashmir ends Center cautious about stone pelting

खास बातें

  • सामान्य स्थिति बहाल करने का अंतरराष्ट्रीय दबाव
  • अगले सीसीएस में लिया जा सकता है ठोस फैसला
  • सुरक्षा एजेंसियां और गृह मंत्रालय स्थिति पर है चिंतित
अब केंद्र पर जम्मू-कश्मीर में सख्ती और प्रतिबंध हटाने का अंतरराष्ट्रीय दबाव बन रहा है। सरकार राज्य को बांटकर दो केंद्र शासित प्रदेश के गठन और अनुच्छेद 370 हटाने के राष्ट्रपति की अधिसूचना लागू होने की तारीख 31 अक्टूबर तक सामान्य स्थिति बहाल करने पर गंभीरता से विचार कर रही है। लेकिन साथ ही सख्ती हटते ही हिंसक प्रदर्शन और पत्थरबाजी जैसी घटना की गंभीर आशंका भी जताई जा रही है।

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सेना, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार और खुफिया स्तर पर इसकी काट निकालने पर जबरदस्त माथापच्ची चल रही है। उच्चपदस्थ सरकारी सूत्रों ने अमर उजाला को बताया कि आने वाले दिनों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली सुरक्षा संबंधी कैबिनेट कमेटी (सीसीएस) में इस मसले पर ठोस फैसला लिया जा सकता है।

सूत्रों के मुताबिक कश्मीर पर वैश्विक कूटनीतिक स्तर पर मुंह की खाने के बाद पाकिस्तान कश्मीर के उस तबके को भड़काने की कोशिश में है जो भारत के खिलाफ रहा है। हालांकि इसकी संख्या सिर्फ 10 से 20 फीसदी ही है। लेकिन हिंसा का माहौल बना कर कश्मीर मुद्दे को भारत के लिहाज से नकारात्मक इमेज देने में खासा सक्षम है।

सूत्रों ने बताया कि सुरक्षा एजेंसियां और गृह मंत्रालय इस बात पर चिंतित है कि घाटी में स्कूल में बच्चे नहीं आ रहे हैं। प्रशासन की कोशिशों के बावजूद दुकानें पूरी तरह नहीं खोले जा रहे हैं। निजी वाहन तो निकल रहे लेकिन सरकारी वाहन ज्यादा नहीं दिख रहे हैं।

आज डोनर मंत्रालय करेगा कश्मीर दौरा

उत्तर पूर्वी क्षेत्र विकास मंत्रालय (डोनर) के उच्चस्तरीय अधिकारियों की एक टीम बृहस्पतिवार को जम्मू-कश्मीर का दौरा करेगी। यह टीम यहां इस बात की जांच करेगी कि नए जम्मू-कश्मीर में क्या सुधार लागू किए जा सकते हैं या फिर क्या विकास के क्या कदम उठाए जा सकते हैं? यह टीम कौशल विकास और सांस्कृतिक आदान-प्रदान की संभावनाएं भी तलाशेगी।

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