चुनाव में करारी हार के बाद सीएम चन्नी ने बुलाई पंजाब कैबिनेट की बैठक, हार पर होगा मंथन

चुनाव में करारी हार के बाद सीएम चन्नी ने बुलाई पंजाब कैबिनेट की बैठक, हार पर होगा मंथन

चंडीगढ़
पंजाब कैबिनेट की बैठक शुक्रवार सुबह साढ़े 11 बजे चंडीगढ़ के पंजाब सिविल सचिवालय में होगी। यह बैठक वीडियो कांन्फ्रेंसिंग से होगी। इसके बाद चन्नी सरकार इस्तीफा देगी। चुनाव में चन्नी समेत उनके 11 मंत्री हार गए हैं।

भदौड़ विधानसभा हलके से मुख्यमंत्री चन्नी को हराने वाले आप प्रत्याशी लाभ सिंह मोबाइल रिपेयर की दुकान पर काम करते हैं। उनकी मां एक स्कूल में दर्जा चार कर्मचारी हैं। मुख्यमंत्री को हराने के बाद उनकी खूब चर्चा हो रही है। चमकौर साहिब में मुख्यमंत्री को हराने वाले भी चरणजीत सिंह ही हैं। पंजाब में पिछले चुनाव पर अगर नजर दौड़ाई जाए तो यहां शिक्षा मंत्री कभी दोबारा चुनाव नहीं जीते हैं। इस बार भी राजनीति के दिग्गज शिक्षा मंत्री विजय इंदर सिंगला चुनाव हार गए हैं। उन्हें चुनाव हारने वाली आम आदमी पार्टी की नरिंदर कौर भराज ने स्कूटी पर ही चुनाव प्रचार किया। भराज ने चुनाव आयोग को दिए शपथ पत्र में अपने पास केवल 24 हजार रुपये का बैंक बैलेंस होने का दावा किया था।

चन्नी सरकार में उपमुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री रहे ओपी सोनी चुनाव हार गए हैं, जबकि दूसरे उपमुख्यमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा चुनाव जीत गए हैं। कांग्रेस ने अमरिंदर व चन्नी सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे ब्रह्म मोहिंद्रा के बेटे को इस बार पटियाला रूरल से टिकट दी थी, लेकिन वह भी सीट नहीं बचा सके। पंजाब के वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल को भी हार का मुंह देखना पड़ा। उनकी हार में नाराज कर्मचारियों ने अहम भूमिका निभाई। उनकी हार पर पंजाब में कई जगह सरकारी कर्मचारियों ने लड्डू बांटकर खुशियां मनाई। चौतरफा घिरे होने के बाद भी कैबिनेट मंत्री तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा, अरुणा चौधरी, सुखबिंदर सिंह सरकारिया, राणा गुरजीत सिंह विधानसभा पहुंचने में सफल रहे।

नवजोत सिद्धू के समर्थन में चन्नी मंत्रिमंडल में शपथ लेकर कार्यभार नहीं संभालने वाली रजिया सुल्ताना भी चुनाव हार गईं। सुलताना के पति एवं सिद्धू के सलाहकार मोहम्मद मुस्तफा चुनाव प्रचार के दौरान दिए गए बयानों को लेकर चुनाव के दौरान खूब चर्चा में रहे। पंजाब पुलिस के एक अधिकारी तथा एक महिला कर्मचारी के साथ विवाद के चलते सुर्खियों में रहे कैबिनेट मंत्री भारत भूषण आशु, रणदीप सिंह नाभा, राजकुमार वेरका, संगत सिंह गिलजियां तथा पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय बेअंत सिंह के पौत्र गुरकीरत सिंह कोटली भी चुनाव हार गए हैं। खेल मंत्री परगट सिंह तथा प्रचार के दौरान बठिंडा से जलालाबाद तक बादलों को हराने व परिवहन मंत्री होते हुए बादल परिवार की बसों को बंद करके सुर्खियों में आए अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग चुनाव जीतकर दोबारा विधानसभा में पहुंचने में कामयाब हो गए हैं।

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