चीन अपनी हरकतों से नहीं आ रहा बाज़, सैटेलाइट तस्वीरों से हुआ खुलासा

चीन अपनी हरकतों से नहीं आ रहा बाज़,  सैटेलाइट तस्वीरों से हुआ खुलासा

नई दिल्ली।
अमेरिकी कंपनी मेक्सर की सैटेलाइट तस्वीरों से खुलासा हुआ है कि चीन अमो चू नदी घाटी में भी दूसरा गांव बसा रहा है जो अब लगभग पूरा हो गया है। वहीं चीन ने दक्षिण क्षेत्र में तीसरे गांव के निर्माण की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

दोकलाम में चीन की नई हरकत का खुलासा उपग्रह से ली गई तस्वीरों से हुआ है। चीन दोकलाम पहाड़ी के पास नया गांव बसा रहा है। अरुणाचल-भूटान बॉर्डर के पास दोकलाम में बीते दिनों चीनी घुसपैठ के बाद चीन की तरफ से गांव बसाने की जानकारी सामने आई थी। अब भूटान की ओर दोकलाम पहाड़ी के पूर्व में चीन के एक गांव के निर्माण का संकेत देने वाली नई उपग्रह तस्वीरें मंगलवार को सामने आई हैं। इस क्षेत्र को भारत के रणनीतिक हित के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है।

2017 में भारत-चीन के बीच हुआ था गतिरोध
दोकलाम ट्राई-जंक्शन पर भारत और चीन की सेना के बीच 2017 में 73 दिनों तक गतिरोध बना रहा था, जब चीन ने उस क्षेत्र में एक सड़क का विस्तार करने की कोशिश की थी जिस पर भूटान ने दावा किया था।

गांव आधुनिक तकनीकों से लैस
तस्वीरों में गांव के हर घर के पास पार्किंग तक मजबूत ढांचा नजर आ रहा है साथ ही हर घर के दरवाजे के बाहर एक गाड़ी खड़ी नजर आ रही है। यह गांव उस जगह से नौ किलोमीटर की दूरी पर है, जहां 2017 में भारतीय और चीनी सेना का आमना-सामना हुआ था। लेकिन मौजूदा समय में यहां के हालात बदल गए हैं और इन्हें आधुनिक तकनीकों से लैस किया गया है।

दो गांवों का निर्माण पूरा, तीसरे की निर्माण प्रक्रिया शुरू
नई सैटेलाइट तस्वीरों से संकेत मिला है कि चीन अमो चू नदी घाटी में भी दूसरा गांव बसा रहा है, जो अब लगभग पूरा हो गया है। वहीं चीन ने दक्षिण क्षेत्र में तीसरे गांव के निर्माण की प्रक्रिया शुरू कर दी है। तस्वीरों में छह इमारतों की नींव भी दिखाई दे रही है। इसके अलावा कई दूसरे निर्माण के लिए भी काम तेजी से चल रहा है।

अमेरिकी कंपनी मेक्सर द्वारा खींची गई तस्वीरों को साझा किया गया है। मेक्सर अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में खुफिया मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करती है। इसने कहा कि गांव में हर घर के दरवाजे पर एक कार खड़ी नजर आ रही है। गांव के बगल में एक साफ-सुथरा हर मौसम में खुला रहने वाला सड़क बनाया गया है, जो भूटान में चीन की “व्यापक भूमि हड़पने” का हिस्सा है। यह सड़क चीन को दोकलाम क्षेत्र में रणनीतिक ऊंचाई तक पहुंच प्रदान कर सकती है। हालांकि सैटेलाइट से मिली नई तस्वीरों पर सेना की ओर से कोई टिप्पणी नहीं की गई है।

बता दें कि चीन पूर्वी लद्दाख में भी वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) सहित कई संवेदनशील स्थानों पर सीमा के बुनियादी ढांचे को बढ़ा रहा है, जहां चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) और भारतीय सेना के बीच दो साल से अधिक समय से गतिरोध कायम है। पिछले साल अक्तूबर में, भूटान और चीन ने अपने बढ़ते सीमा विवाद को हल करने के लिए बातचीत में तेजी लाने के लिए “थ्री स्टेप रोडमैप” के एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। भूटान चीन के साथ 400 किलोमीटर से अधिक लंबी सीमा साझा करता है और दोनों देशों ने विवाद को सुलझाने के लिए अबतक 24 दौर की सीमा वार्ता की है।

दोनों देशों ने ‘विशेषज्ञ समूह’ स्तर पर भी 10 दौर की बातचीत की है। दोकलाम ट्राई-जंक्शन को भारत के सुरक्षा हितों की दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जाता है।

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