चिकित्सा जांच बगैर भेजे जा रहे श्रद्धालु

भरमौर (चंबा)। पवित्र मणिमहेश यात्रा पर श्रद्धालुओं को बिना स्वास्थ्य जांच के ही भेजा जा रहा है। यात्रा के दौरान श्रद्धालु की मौत का मुख्य कारण इसी लापरवाही को माना जा रहा है। वैष्णो देवी, अमरनाथ और केदारनाथ समेत अन्य ऊंचाई पर स्थित धार्मिक स्थलों पर भेजने से पहले श्रद्धालुओं के स्वास्थ्य की जांच का प्रावधान है। स्वस्थ व्यक्ति को ही इन धामों की यात्रा पर जाने की अनुमति दी जाती है। स्वास्थ्य जांच के दौरान अनफिट पाए गए श्रद्धालुओं को आगे बढ़ने की अनुमति नहीं मिलती है। लोगों का कहना है कि मणिमहेश यात्रा पर निकलने वाले यात्रियों के लिए भी स्वास्थ्य जांच का प्रावधान होना चाहिए। इससे श्रद्धालुओं की रास्ते में मौत जैसी घटनाओं की पुनरावृत्ति पर रोक लगेगी। इस बार मणि महेश यात्रा के दौरान अब तक आठ श्रद्धालु जान गंवा चुके हैं। इनमें चार श्रद्धालुओं की मौत सीने में तेज दर्द के कारण हुई। ऑक्सीजन की कमी के चलते ऐसा हुआ। यदि पहले ही स्वास्थ्य जांचने का प्रावधान होता तो इनकी मौत न होती। मणिमहेश यात्रा का श्रीगणेश भरमाणी माता मंदिर से ही माना जाता है। वहां तक की तीन किलोमीटर की खड़ी चढ़ाई चढ़ पाने के बाद ही श्रद्धालु के आगे बढ़ने की क्षमता का पता चल जाता है। कई लोग यहीं पर हांफ जाते हैं और वापस लौटते हैं। यदि मेडिकल जांच का प्रावधान हो तो आगे बढ़ने में अक्षम श्रद्धालुओं को पहले ही रोका जा सकता है। जन जागरण समिति के अध्यक्ष ज्ञान सिंह ठाकुर, अनिल कुमार, सुरेश कुमार, प्रीतम कुमार व तिलक कुमार आदि का कहना है कि मणिमहेश यात्रा पर जाने वाले श्रद्धालुओं की स्वास्थ्य जांच का प्रावधान होना चाहिए। इससे अक्षम श्रद्धालुओं को आगे बढ़ने से रोका जा सकता है और उनकी जान भी बच सकती है। इससे प्रशासन को भी किरकिरी नहीं झेलनी पड़ेगी। डा. वरुण जंबाल ने कहा कि कई लोग ऐसे होते हैं, जिनके मेजर ऑपरेशन हुए होते हैं। खासकर हार्ट आदि के ऑपरेशन जिनके हुए हों, उन्हें तो इस तरह की ऊंचाई वाले क्षेत्रों की यात्रा से परहेज ही करना चाहिए। उनका कहना है कि लोगों को भी चाहिए कि वे पहले ही चिकित्सा जांच करवाएं।

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