चार माह के लिए रोहतांग के दरवाजे बंद

कोकसर (लाहौल-स्पीति)। रोहतांग दर्रा के बंद होते ही कबायलियों का दर्द भी बढ़ गया है। बर्फबारी और सड़क मार्ग बंद होने से अनेक गांवों का संपर्क एक-दूसरे से कट गया है। कबायली क्षेत्र लाहौल का जहां बर्फबारी के बाद शेष दुनियां से संपर्क टूट गया है वहीं कई गांव का आपस में संपर्क खत्म हो चुका है। इसमें खासकर कोकसर, डिंफुक, मयाढ़, योचे, छीका,रारिक तथा दारचा-सुमदो आदि दर्जनों गांव हैं। इन गांवों में हिमपात के चलते महीनों तक एक-दूसरे से संपर्क नहीं हो पाता। ऐसे में इन गांव के लोग अपना अधिकतर समय सिलाई-कढ़ाई में गुजारते हैं। भारी बर्फबारी के दौरान बिजली तथा टेलीफोन की भी समस्या रहती है। इस दौरान शारीरिक और मानसिक तनाव के साथ लोग बीमार पड़ जाए और आसपास चिकित्सा केंद्र न होने मरीजाें को मीलों दूर पीठ पर उठाकर अस्पताल तक पहुंचाना पड़ता है। अब लोगाें को रोहतांग सुरंग के पूरी होने पर उम्मीद है कि आने वाले कुछ सालों के बाद उनका जीवन सरल और आसान हो जाएगा। रोहतांग टनल कर निर्माण कार्य इन दिनों युद्धस्तर पर चला हुआ है।

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