खास बातें
- देश का दूसरा महत्वाकांक्षी चंद्र मिशन चंद्रयान-2 चांद के बेहद पास पहुंच गया है
- चंद्रयान-2 ऑर्बिटर चंद्रमा की मौजूदा कक्षा में लगातार चक्कर काट रहा है
- इसरो के अध्यक्ष ने कहा कि चांद पर लैंडर के उतरने का क्षण ‘खौफनाक’ होगा
इसरो ने बताया कि चंद्रयान को भारतीय समयानुसार सुबह 8:50 बजे पर निचली कक्षा में पूर्व निर्धारित योजना के तहत उतारा गया। यह प्रक्रिया कुल चार सेकेंड की रही। चंद्रयान-2 ऑर्बिटर चांद की मौजूदा कक्षा में लगातार चक्कर काट रहा है और ऑर्बिटर व लैंडर पूरी तरह से ठीक हैं।
चार सितंबर को भारतीय समयानुसार तड़के 3 बजकर 30 मिनट से लेकर 4 बजकर 30 मिनट के बीच इसकी कक्षा में कमी की गई। इससे पहले, सोमवार को लैंडर विक्रम ऑर्बिटर से सफलतापूर्वक अलग हुआ था। अगर सब कुछ ठीक रहा तो विक्रम और उसके भीतर मौजूद रोवर ‘प्रज्ञान’ के शनिवार देर रात 1 बजकर 30 मिनट से 2 बजकर 30 मिनट के बीच चांद की सतह पर उतरने की उम्मीद है।
चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग के बाद रोवर उसी दिन सुबह 3 बजकर 30 मिनट से 6 बजकर 30 मिनट के बीच निकलेगा और चांद की सतह पर रहकर परीक्षण करेगा।
14 दिन परीक्षण करेगा ‘प्रज्ञान’
भारत बनेगा चौथा देश
चांद पर सफलतापूर्वक सॉफ्ट लैंडिंग के साथ ही भारत ऐसा करने वाला दुनिया का चौथा देश बन जाएगा। इससे पहले केवल चीन, अमेरिका और रूस ही ऐसा कर सके हैं। भारत ने 22 जुलाई को 3,840 किलोग्राम वजनी चंद्रयान-2 को जीएसएलवी मैक-3 रॉकेट से प्रक्षेपित किया था। इस योजना पर कुल 978 करोड़ रुपये की लागत आई है।