गेहूं खरीद के लक्ष्य से कोसों दूर एफसीआई, अब 32 लाख एमटी ही खरीदा, पिछली बार इस समय तक 44.55 लाख एमटी की हुई थी खरीद

गेहूं खरीद के लक्ष्य से कोसों दूर एफसीआई, अब 32 लाख एमटी ही खरीदा, पिछली बार इस समय तक 44.55 लाख एमटी की हुई थी खरीद

चंडीगढ़
हरियाणा में गेहूं की बिजाई 22.9 लाख हेक्टेयर की गई है। सरकार का अनुमान था कि इस बार 122 लाख मीट्रिक टन गेहूं की आवक होगी। लेकिन बेमौसमी बारिश और समय से पहले गर्मी आने के चलते गेहूं की फसल पूरी तरह से पक नहीं पाई।

मौसम की मार के चलते इस बार हरियाणा में एजेंसी गेहूं खरीद के लक्ष्य से कोसों दूर है। गेहूं का आधा सीजन बीतने को है, लेकिन अभी तक प्रदेश में 32 लाख मीट्रिक टन गेहूं की ही खरीद हो पाई है। जबकि पिछले साल आज की तिथि तक 44.55 लाख मीट्रिक टन की खरीद हो चुकी थी। इससे अधिकारियों के पसीने छूट गए हैं। मंडियों में लक्ष्य से कम गेहूं की आवक से चिंतित भारतीय खाद्य निगम और हरियाणा सरकार ने केंद्र को पत्र लिखकर गेहूं में सिकुड़े और टुकड़े की मात्रा 6 प्रतिशत से 20 प्रतिशत तक करने की मांग की है। आगामी एक दो दिनों में केंद्र इस पर फैसला ले सकता है।

इस वर्ष प्रदेश में गेहूं की बिजाई 22.9 लाख हेक्टेयर की गई है। सरकार का अनुमान था कि इस बार 122 लाख मीट्रिक टन गेहूं की आवक होगी। लेकिन बेमौसमी बारिश और समय से पहले गर्मी आने के चलते गेहूं की फसल पूरी तरह से पक नहीं पाई। इसके चलते गेहूं का दाना सिकुड़ने से उत्पादन कम रहा। प्रति एकड़ से 15 से 17 क्विंटल तक ही उत्पादन आ रहा है, जबकि पिछली बार 22 क्विंटल तक उत्पादन था। विशेषज्ञों का मानना है कि 55 से 60 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद हो पाएगी, जबकि हरियाणा में गेहूं खरीद का लक्ष्य 85 लाख मीट्रिक टन है। गौर हो कि पिछली बार 84.79 लाख मीट्रिक टन खरीद का लक्ष्य था और इसे पूरा कर लिया गया था।
मानकों पर खरा नहीं उतर रहा गेहूं, हरियाणा ने केंद्र को लिखा पत्र
मंडियों से एफसीआई पहुंच रहा हजारों क्विंटल गेहूं मानकों पर खरा नहीं उतर रहा है। रोजाना हजारों क्विंटल गेहूं को वापस किया जा रहा है। मानकों के अनुसार गेहूं में 6 प्रतिशत ही टुकड़ा और सिकुड़ा हुआ दाना खरीदा जा सकता है, लेकिन इस बार इसकी मात्रा 9 से 20 प्रतिशत तक आ रही है।
272 सैंपलों में से 132 में 13.8 प्रतिशत मिला सिकुड़ा गेहूं
एफसीआई ने प्रदेशभर की मंडियों से गेहूं के 272 सैंपल लिए थे। जांच में 132 सैंपलों में टुकड़ा और सिकुड़ा हुआ गेहूं 13.8 प्रतिशत मिला। इसी आधार पर एफसीआई ने केंद्र को पत्र लिखा है कि जल्द ही इस पर फैसला लिया जाए और छूट प्रतिशत बढ़ाई जाए। इसी आधार पर हरियाणा सरकार ने भी केंद्रीय मंत्रालय को 20 प्रतिशत तक बढ़ाने की मांग की है। अभी केंद्रीय मंत्रालय इस पर समीक्षा कर रहा है।
इसलिए कम हो पा रही गेहूं
पिछले साल के मुकाबले बिजाई क्षेत्र कम
बेमौसमी बारिश और समय से पहले गर्मी से दाना सिकुड़ा
यूक्रेन-रूस युद्ध से अंतरराष्ट्रीय स्तर गेहूं की मांग बढ़ी, स्टॉक कर रहे व्यापारी
गेहूं में नमी 12 के बजाय 8 प्रतिशत आ रही, इसलिए दाने में वजन कम है

उम्मीद के मुकाबले कम खरीद
इस बार उम्मीद के मुकाबले कम गेहूं की खरीद हो पाई है। समय से पहले गर्मी के चलते अपरिपक्व और सिकुड़े हुए दानों की संख्या अधिक है। हमने केंद्र सरकार को पत्र लिखा है कि सिकुड़े हुए दाने की मात्रा को 6 से बढ़ाकर 13.8 प्रतिशत किया जाए। – प्रदीप सिंह, उप क्षेत्रीय प्रबंधक, एफसीआई।

किसान को प्रति एकड़ 10 से 15 हजार का नुकसान
दाना सिकुड़ने से इस बार एक एकड़ में 4 से 5 क्विंटल कम उत्पादन हो रहा है। इस बार गेहूं उत्पादक वाले किसानों को 10 से 15 हजार रुपये प्रति एकड़ नुकसान हुआ है। इसलिए सरकार तुरंत प्रभाव से गेहूं पर 500 रुपये बोनस जारी करे। – रतन मान, प्रदेशाध्यक्ष, भाकियू।

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