गाजीपुर बॉर्डर पूरी तरह सील, पुलिस आयुक्त ने किया सुरक्षा इंतजामों का निरीक्षण

गाजीपुर बॉर्डर पूरी तरह सील, पुलिस आयुक्त ने किया सुरक्षा इंतजामों का निरीक्षण

नई दिल्ली
कृषि कानूनों के खिलाफ 67 दिनों से किसानों का प्रदर्शन जारी है। गाजीपुर बॉर्डर पर हर नए दिन के साथ लोगों की संख्या बढ़ती जा रही है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अलावा हरियाणा से भी बड़ी संख्या में किसान यहां पहुंच रहे हैं। सुरक्षा व्यवस्था को बनाए रखने के लिए पुलिस ने गाजीपुर बॉर्डर को पूरी तरह से सील कर दिया है। सोमवार को दिल्ली मेरठ हाइवे से किसी को भी बॉर्डर की ओर नहीं आने दिया गया। इससे यातायात ठप हो गया है और लोगों को घंटो जाम से जूझना पड़ा।

 
दिल्ली मेरठ हाईवे पर आनंद विहार के गोल चक्कर से गाजियाबाद की ओर किसी को भी नहीं जाने दिया जा रहा है। यहां से यातायात को आनंद विहार से आगे रामप्रस्थ और अप्सरा बॉर्डर के रास्ते गाजियाबाद की ओर भेजा गया। इससे आनंद विहार गोल चक्कर, दिलशाद गार्डन पर पूरे दिन जाम लगा रहा। उधर, गाजीपुर रोड, नरवाना रोड, स्वामी दयानंद मार्ग, विकास मार्ग, मदर डेरी रोड, अक्षरधाम और रिंग रोड तक के यातायात पर भी काफी असर पड़ा। इन जगहों से गुजरते वक्त लोगों को घंटो जाम में फंसे रहना पड़ा। 

गणतंत्र दिवस के दिन किसान रैली के दौरान हुई हिंसा के बाद से ही गाजीपुर बॉर्डर पर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। बैरिकेडिंग को वैल्डिंग कर जोड़ दिया गया है। किसानों के धरनास्थल की तरफ आने-जाने का रास्ते पूरी तरह से ब्लॉक है। पुलिस और आपात सेवाओं से जुड़े लोगों के अलावा किसी को भी दिल्ली के रास्ते बॉर्डर तक नहीं जाने दिया जा रहा है। पुलिस ने गाजीपुर बॉर्डर पर पक्की बैरिकेडिंग कर दी है, उसके बाद से इस रूट खुलने की संभावना भी पूरी तरह खत्म हो गई है। ऐसे में आने वाले दिनों में भी लोगों को जाम से जूझना पड़ सकता है। 

दिल्ली पुलिस आयुक्त एसएन श्रीवास्तव सोमवार शाम को जवानों का मनोबल बढ़ाने के लिए गाजीपुर बार्डर पहुंचे। पुलिस आयुक्त ने पुलिस कर्मियों के अलावा अर्द्धसैनिक बलों की जमकर तारीफ की। इस दौरान आयुक्त ने बॉर्डर पर किए गए सुरक्षा इंतजामों का जायजा भी लिया। पुलिस आयुक्त के साथ स्पेशल सीपी राजेश खुराना, संयुक्त आयुक्त आलोक कुमार और पूर्वी जिला पुलिस उपायुक्त दीपक यादव भी मौजूद रहे। आयुक्त वहां दिनरात वहां ड्यूटी कर रहे जवानों से बातचीत भी की।

दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि एक फरवरी को किसानों ने संसद भवन तक पैदल मार्च करने के लिए कहा था। हालांकि बाद में किसानों ने खुद ही उसे वापस भी ले लिया। लेकिन बावजूद इसके पुलिस ने किसानों को बॉर्डर पर ही रोकने के भरपूर इंतजाम किए थे। सोमवार शाम को पुलिस आयुक्त अचानक अधिकारियों के साथ वहां पहुंच गए। पुलिस आयुक्त ने एनएच-9 स्थित डिवाइडर पर चढ़कर अपने जवानों को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने अपने जवानों को दिशा निर्देश भी दिए। काफी समय वहां बिताने के बाद पुलिस आयुक्त वहां से वापस लौट गए।

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