खाते में नहीं पैसा, 351 गांवों में मनरेगा ठप

गोंडा। जिले की 351 ग्राम पंचायतों के खातों में पैसा न होने के कारण मनरेगा का संचालन पूरी तरह ठप है। इन ग्राम पंचायतों को वित्तीय वर्ष 2012-13 में एक भी पैसा नहीं मिला, इस कारण सड़क की पटाई, तालाब का सौंदर्यीकरण सहित अन्य विकास कार्य नहीं हो रहे हैं। वहीं, इन गांवों के 40 हजार जॉबकार्डधारक रोजगार से वंचित हैं। उधर, मुख्य विकास अधिकारी ने अपर आयुक्त मनरेगा को पत्र भेजकर धन उपलब्ध कराने की मांग की है।
मुख्य विकास अधिकारी एमएल पांडेय ने सोमवार को बताया कि मनरेगा योजनांतर्गत जिले की 351 ग्राम पंचायतें ऐसी हैं, जिन्हें वित्तीय वर्ष 2012-13 में एक भी पैसा नहीं मिला है। जिससे इन गांवों में विकास कार्य प्रभावित हो रहे हैं। उन्होंने बताया कि धन न होने के कारण श्रमिकों के काम मांगने के बावजूद रोजगार उपलब्ध कराया जाना संभव नहीं है। मुख्य विकास अधिकारी के मुताबिक मांग के बावजूद रोजगार न मिलने से श्रमिकों में योजना के प्रति असंतोष है। गांव में रोजगार न मिलने से श्रमिकों का पलायन भी हो सकता है। मनरेगा कार्य बंद होने से इन गांव के 40 हजार जॉबकार्ड धारकों को रोजगार नहीं मिल पा रहा है। मुख्य विकास अधिकारी ने बताया कि अपर आयुक्त मनरेगा से जिन ग्राम पंचायतों को अभी तक धन नहीं मिला है, उनके लिए धन उपलब्ध कराने की मांग की गई है।

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