कोयले की कमी से बिजली संयंत्रों में अटका पांच लाख करोड़ रुपये का निवेश

नई दिल्ली
सांकेतिक तस्वीर
सांकेतिक तस्वीर
कोयले की कमी की वजह से कोयला आधारित बिजली संयंत्रों में पांच लाख करोड़ रुपये का निवेश अधर में है। बिजली सचिव एससी गर्ग ने मंगलवार को इंडिया एनर्जी फोरम में कोयले पर गोलमेज सम्मेलन के दौरान यह जानकारी दी।

उन्होंने कहा कि वाणिज्यिक खनन के लिए कुछ बड़ी वैश्विक कंपनियों को तत्काल शामिल करने की जरूरत है, ताकि कोयले का उत्पादन बढ़ाया जा सके। गर्ग ने कहा कि देश की जरूरत का 20 फीसदी हिस्सा कोयला अब भी आयात किया जाता है, जो सही नहीं है।

उन्होंने कहा, देश में खनन प्रभावित होने से आज बिजली क्षेत्र में हमारे कई कोयला आधारित संयंत्र संकट में हैं। कई दिवालिया प्रक्रिया का सामना कर रहे हैं तो कुछ 15-20 फीसदी उत्पादन ही कर पा रहे हैं। इस कारण हमारा पांच लाख करोड़ रुपये का निवेश अधर में है।

गर्ग ने कहा, भारत अपने खोजे गए ऊर्जा भंडार का एक फीसदी भी इस्तेमाल नहीं कर पा रहा है। हमें ऐसी चार-पांच वैश्विक कंपनियों की जरूरत है, जो हर साल 10 करोड़ टन कोयले का उत्पादन कर सकें। इसके लिए खान आवंटन के लिए अलग तरीका अपनाना होगा।

Related posts