केंद्र सरकार ने लागू किया डोमिसाइल कानून, जम्मू-कश्मीर के बाशिंदों को मिला जमीन और नौकरी का हक

नई दिल्ली
अनुच्छेद 370 व 35ए हटने के लगभग साढ़े सात महीने बाद जम्मू-कश्मीर के बाशिंदों को नौकरी और जमीन का हक मिल गया है। केंद्र सरकार ने प्रदेश के लिए डोमिसाइल कानून लागू कर दिया। गृहमंत्रालय ने बुधवार को जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (राज्य कानूनों का अनुकूलन) आदेश 2020 जारी किया।

सरकारी गजट के अनुसार, 15 साल तक प्रदेश में रहने वाले लोगों को यहां का स्थायी अधिवासी माना जाएगा। अचल संपत्तियां व जमीन भी यही लोग खरीद सकेंगे। नौकरी के हक के तहत चतुर्थ श्रेणी तक के पद पर केवल यहीं रहने वाले लोगों के लिए आरक्षित होंगे।

गौरतलब है कि राज्य के विशेष दर्जे के तहत नौकरी में केवल यहीं के लोगों का हक था। साथ ही यहां कोई भी जमीन की खरीद-फरोख्त नहीं कर सकता था। अनुच्छेद 370 हटने के बाद यहां के लोगों से यह हक छिन गया था। जमीन व नौकरी को लेकर उनकी चिंताओं को देखते हुए केंद्र सरकार ने जल्दी डोमिसाइल कानून लागू करने की घोषणा की थी। सरकारी गजट के मुताबिक, 138 कानूनों में संशोधन किया गया है।

जम्मू-कश्मीर सिविल सर्विसेज एक्ट में भी संशोधन किया गया है। इसमें डोमिसाइल वर्ग का भी समावेश किया गया है, जिसके अनुसार यहां 15 साल तक रहने वालों को इस श्रेणी में माना जाएगा। ऑल इंडिया सर्विस के तहत 10 साल तक की सेवा करने वालों के बच्चों को भी इस श्रेणी में रखा गया है।

साथ ही जिस किसी ने यहां सात साल तक पढ़ाई की हो या फिर 10वीं या 12वीं की परीक्षा यहां से दी हो, वह भी डोमिसाइल की श्रेणी में आएगा। राहत एवं पुनर्वास आयुक्त (माइग्रेंट) के यहां पंजीकृत सभी लोग भी इसी श्रेणी में होंगे।

केंद्र सरकार के लोग भी होंगे लाभान्वित

केंद्र सरकार, ऑल इंडिया सर्विस, सार्वजनिक उपक्रम, केंद्र सरकार के स्वायत्तशासी संस्थान, बैंक, केंद्रीय विश्वविद्यालय तथा केंद्र सरकार के पंजीकृत शोध संस्थान के कर्मचारी, जिन्होंने 10 साल तक प्रदेश में सेवा की है, उन्हें भी डोमिसाइल का लाभ मिलेगा। जो भी बच्चे इस पात्रता को पूरा करते हैं या जो रोजगार, बिजनेस या अन्य व्यावसायिक कारणों से केंद्र शासित प्रदेश के बाहर रहते हैं, लेकिन यदि उनके अभिभावक किसी भी शर्त को पूरा करते हैं तो उन्हें भी इसका लाभ मिलेगा।

राज्य सेवा चयन बोर्ड के स्थान पर सेवा चयन बोर्ड

राज्य सेवा चयन बोर्ड के स्थान पर सेवा चयन बोर्ड होगा। ऐसे में 25,500 से अधिक के वेतनमान वाले किसी भी पद पर नियुक्ति के लिए तब तक आवेदन नहीं होगा, जब तक वह जम्मू कश्मीर का अधिवासी न हो। राज्य के स्थायी निवासी की जगह अब जम्मू कश्मीर संघ राज्य क्षेत्र का अधिवासी लिखा जाएगा।

 तहसीलदार बनाएंगे डोमिसाइल सर्टिफिकेट

डोमिसाइल सर्टिफिकेट जारी करने का अधिकार तहसीलदार को दिया गया है। यदि राज्य सरकार डीसी या किसी विशेष अधिकारी को इसके लिए नामित करता है तो उसे अलग से एसआरओ जारी करना होगा।

कानून खोखला, पहले से लगी चोट को गंभीर किया: उमर

‘जब हमारे प्रयास व पूरा ध्यान कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने पर होना चाहिए, केंद्र सरकार डोमिसाइल कानून लेकर आई है। ऐसा कोई भी संरक्षण कानून से नहीं मिल रहा है, जिसका वादा किया गया था। यह पहले से लगी चोट को और गंभीर बना देता है। नया कानून इतना खोखला है कि इसका पता इससे चल जाता है कि दिल्ली के इशारे पर बनी नई पार्टी के नेता (अल्ताफ बुखारी) भी इसकी आलोचना करने को मजबूर हैं। जो इस कानून को लेकर दिल्ली में लॉबिंग कर रहे थे।’

– उमर अब्दुल्ला, पूर्व सीएम

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