केंद्र भरोसे चल रही प्रभावित क्षेत्रों की स्वास्थ्य सेवाएं

प्रभावित क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाएं संचालित करने में स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह केंद्र के भरोसे है। डाक्टर से लेकर दवा, उपकरण तक केंद्र से मांगे जा रहे हैं। 80 डाक्टर केंद्र के तैनात हैं और लगभग दो सौ और मांगे हैं।

वहीं राज्य के महकमे की हालत तो ऐसी है कि दवा तो दूर आपदा में आपनों को खो चुके परिवारों को मरहम लगाने के लिए राज्य के पास मनोरोग विशेषज्ञ तक नहीं है। मनोरोग के भी 11 विशेेषज्ञ केंद्र से ही मिले हैं।

डाक्टरों की कमी
आपदा प्रभावित क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाएं संचालित करने में विभाग के आड़े डाक्टरों की कमी आ रही है। विभाग ने कुल 99 डाक्टर आपदा प्रभावित क्षेत्रों में तैनात किये हैं, जबकि जरूरत चार सौ से अधिक की है। ढ़ाई सौ डाक्टरों की टीम केंद्र से मांगी गई है, जिन्हें रोटेशन के आधार पर प्रभावित क्षेत्रों में तैनात किया जा सके। विभाग के पास पहाड़ों में विशेषज्ञ चिकित्सा सुविधा बेहद कमजोर है।

पर्वतीय जनपदों में बनाए ट्रामा सेंटर डाक्टरों के बिना ही चल रहे हैं। 108 की व्यवस्था सड़क मार्ग कटने से प्रभावित है, लेकिन दुर्गम स्थलों में डोलियां तक मरीजों को लाने के लिए नहीं मिल पा रही हैं।

आपदा के बाद से केंद्र और स्वयं सेवी संस्थाओं के डाक्टरों के सहयोग से ही विभाग किसी तरह सेवाएं संचालित कर पाया है, लेकिन जैसे ही यह दल राज्य से रवाना होंगे पर्वतीय जनपदों में फिर व्यवस्था चरमरा जाएगी।

आपदा प्रभावितों में इलाज का हाल
जनपद – ओपीडी भर्ती – पीड़ित – मौत/पोस्टमार्टम
उत्तरकाशी – 9569 – 73 – 8/2
रुद्रप्रयाग – 4537 – 401 – 10/0
चमोली – 9389 – 48 – 0/8
हिमालयन अस्पताल जौलीग्रांट- 348 – 348 – 6/18
दून अस्पताल – 51 – 47 – –
एसपीएसएच ऋषिकेश – 104 – 46 – 0/4
पिथौरागढ़ – 4946 – 145 – 0/1
हरिद्वार – 79 – 13 – 0/33
श्रीनगर मेडिकल कालेज – 54 – 40 – 1/2
बागेश्वर – 1300 – 7 – 0/1
पौड़ी – 8 – 3- -�

राहत शिविरो में तैनात डाक्टर
जनपद केंद्र व अन्य राज्य
रुद्रप्रयाग – 34 – 21
चमोली – 23 – 11
उत्तरकाशी – 25 – 35
पिथौरागढ़ – 11 – 10
हरिद्वार – 4 – 21
देहरादून – – – 1
चंपावत – 7 – –

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