कृषि कानूनों के विरोध में आवाज बुलंद करेंगी पंजाब की महिलाएं

कृषि कानूनों के विरोध में आवाज बुलंद करेंगी पंजाब की महिलाएं

पटियाला 
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर सोमवार को दिल्ली बार्डरों पर खेती कानूनों के खिलाफ चल रहा किसानों का संघर्ष अलग अंदाज में रहेगा। इस मौके किसानी संघर्ष को मजबूती प्रदान करने के लिए रविवार को पंजाब के विभिन्न जिलों से महिलाओं के जत्थे दिल्ली बार्डर के लिए रवाना हुए। सोमवार को महिला दिवस के मौके पर महिलाएं स्टेज संचालन से लेकर हर मोर्चे को संभालकर हुए केंद्र खिलाफ आवाज बुलंद करेंगी।

भारतीय किसान यूनियन एकता (डकौंदा), भारतीय किसान यूनियन क्रांतिकारी और क्रांतिकारी किसान यूनियन पंजाब जैसे संगठनों की तरफ से रविवार को पंजाब के विभिन्न जिलों के गांवों से बड़ी संख्या में महिलाओं के जत्थे बसों और ट्रैक्टरों पर दिल्ली बार्डर के लिए रवाना किए गए। 

भारतीय किसान यूनियन एकता (डकौंदा) के ओहदेदार टहल सिंह ने बताया कि रविवार को बठिंडा, बरनाला, संगरूर, पटियाला समेत अमृतसर व गुरदासपुर सहित अन्य जगहों से महिलाओं के जत्थे बड़ी संख्या में दिल्ली बॉर्डर के लिए रवाना हुए हैं। टहल सिंह ने कहा कि दिल्ली बॉर्डर पर महिला दिवस पर ये महिलाएं स्टेज संचालन से लेकर माइक पर भाषण देते हुए केंद्र के खिलाफ हुंकार भरेंगी। उन्होंने कहा कि केंद्र को दिखाया जाएगा कि अगर जरूरत पड़ी तो पंजाब की महिलाएं भी खेती कानूनों के खिलाफ मैदान में कूद सकती हैं। 

भारतीय किसान यूनियन क्रांतिकारी के जिला प्रधान रणजीत सिंह सवाजपुर ने कहा कि खेती कानून आने वाली पीढ़ियों के लिए घातक हैं, इसलिए अगर महिलाएं इन कानूनों के खिलाफ जागरूक होकर मैदान में आती हैं तो इससे किसान आंदोलन को बल मिलेगा और केंद्र के खिलाफ और दबाव बनाया जा सकेगा। ऐसे में महिला दिवस का मौका किसानों के लिए उपयुक्त था, जिसे देख महिलाओं के जत्थे पंजाब से दिल्ली बार्डरों पर बुलाए गए हैं।

उधर, क्रांतिकारी किसान यूनियन पंजाब के जिला कमेटी मेंबर अवतार सिंह कौरजीवाला ने कहा कि पूरे पंजाब से 40 से 50 हजार महिलाओं के पहुंचने की उम्मीद है। महिला दिवस पर किसानों के आंदोलन को नई ऊंचाई मिलेगी। उम्मीद है कि महिला दिवस पर खेती कानूनों खिलाफ केंद्र को किसान एक मजबूत संदेश दे सकेंगे।

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