किसान बनाएंगे अपनी कंपनी और खुद ही बेचेंगे उत्पाद, कृषि विभाग की योजना

किसान बनाएंगे अपनी कंपनी और खुद ही बेचेंगे उत्पाद, कृषि विभाग की योजना

जम्मू
कृषि कारोबार में किसानों की आय बढ़ाने के लिए कृषि विभाग आधुनिक योजना लेकर आया है। इसके तहत किसान अपने उत्पादों को फार्मर प्रोड्यूसर आर्गेनाइजेशन (एफपीओ) के तहत कृषि विभाग के पास कंपनी के रूप में रजिस्टर्ड कराएंगे, और अपने उत्पादों की मार्केटिंग भी खुद करेंगे। इसमें बिचौलियों की कोई भूमिका नहीं होगी और उत्पाद विशेष के ब्रांड की बाजार में यह पहचान भी खुद ही स्थापित करेंगे। 

यह एफपीओ क्षेत्र विशेष के उत्पादों पर आधारित होंगे ताकि इनके ब्रांड को भी प्रोत्साहन मिल सके और बाजार में उत्पाद की पहचान भी स्थापित हो। कृषि विभाग ने एफपीओ को रजिस्टर करना शुरू किया है। एक एफपीओ में न्यूनतम 100 और अधिकतर 500 सदस्य बनाए जा सकते हैं। उदाहरण के तौर पर आरएस पुरा की मशहूर बासमती को अब किसान एफपीओ के माध्यम से खुद बेच सकते हैं। इसके लिए उन्हें कृषि विभाग के पास रजिस्ट्रेशन कराना होगा। एफपीओ के सदस्य  अपने उत्पाद के उत्पादन से लेकर उसकी गुणवत्ता तक के लिए खुद ही जिम्मेदार होंगे। इससे न केवल बाजार में इनकी साख बढ़ेगी बल्कि लोगों को भी गुणवत्ता वाले उत्पाद मिल सकेंगे। 

यह होगा एफपीओ का फायदा 
एफपीओ में सिर्फ वहीं किसान शामिल होंगे, जो फसल की पैदावार करते हैं। जो किसान पैदावार नहीं करते वह इसके सदस्य नहीं होंगे। एफपीओ बनाने के बाद इसके सदस्य एकसाथ फसल की पैदावार करेंगे और इसके बाद फसल को अपने स्तर पैक्ड अथवा खुले दोनों रूप में बेच सकेंगे। एफपीओ के पास अपनी मशीनरी और मैनपावर होगी। एफपीओ ही अपने उत्पाद को किसी अन्य कंपनी या स्टोर पर एक साथ बेचेगा। 

सीबीबीओ देगी ट्रेनिंग
एफपीओ के गठन के बाद इनको कृषि विभाग की कलस्टर बेस्ड बिजनेस आर्गेनाइजेशन (सीबीबीओ) की टीम ट्रेनिंग देगी। इसमें बताया जाएगा कि किस तरह से फसल तैयार करनी है। किस तरह से इसकी मार्केटिंग की जाएगी। उत्पाद को पैक करने और बीज से लेकर खाद तक तमाम चीजों की जानकारी दी जाएगी।  

जम्मू संभाग में 17 एफपीओ बने
 जम्मू संभाग में अब तक 17 एफपीओ बनाए गए हैं। जम्मू जिले में दो एफपीओ बनाए गए हैं। एफपीओ के तहत कृषि उत्पादकों की अपनी कंपनी होगी। वह अपने क्षेत्र के विशेष उत्पाद को पैदा करने से लेकर बेचने के स्वतंत्र  होंगे। इसमें किसान एकमुश्त कहीं से भी बीज ले सकेंगे और एकसाथ कहीं पर अपना उत्पाद बेच सकेंगे। जिससे उनको अधिक आय होगी।  
केके शर्मा, निदेशक, कृषि विभाग 

यह हैं प्रदेश के खास उत्पाद
अनंतनाग: मछली आधारित उत्पाद
बांदीपोरा: प्रोसेस्ड पोल्ट्री एवं मटन 
बारामुला: सेब
बड़गाम: दूग्ध उत्पाद
डोडा: जैतून (आलिव)
गांदरबल: मछली आधारित उत्पाद
जम्मू: डेयरी उत्पाद
कठुआ: मसाले
किश्तवाड़: अखरोट
कुपवाड़ा: अखरोट
कुलगाम: मसाले एवं आचार
पुंछ: बाजरा आधारित उत्पाद
पुलवामा: दूग्ध आधारित उत्पाद
राजोरी: डेयरी उत्पाद
रामबन: शहद
रियासी: मसाले
सांबा: मशरूम
शोपियां: सेब
श्रीनगर: पैक्ड बेकरी उत्पाद
उधमपुर: आचार

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