किन्नौर में सफर खतरे से खाली नहीं

सांगला (किन्नौर)। जिले में भले ही सड़कें यातायात के लिए बहाल कर दी गई हों लेकिन अभी भी इन सड़कों पर सफर करना किसी खतरे से खाली नहीं है। चाहे बीआरओ के तहत आने वाला एनएच हो या फिर लोक निर्माण विभाग के तहत चल रहे अन्य रूट, इन सभी की हालत खस्ता बनी हुई है। यहां किसी भी समय कोई बड़ा हादसा हो सकता है।
बर्फबारी के बाद बीआरओ और एनएच प्राधिकरण के तहत आने वाले नाथपा से लेकर कौरिक तक नेशनल हाइवे की हालत बदहाल है। जबकि, जिले के करीब पचास ग्रामीण मार्ग भी हादसे को न्योता दे रहे हैं। यही नहीं, किन्नौर एनएच पर नाथपा से लेकर टापरी तक करीब दस जगह भारी ल्हासे गिरे हैं, जहां से वाहन चालक जान पर खेल कर वाहनों को निकाल रहे हैं। लेकिन इसके बाद भी इस ओर किसी का ध्यान नहीं है। शायद यहां किसी बड़े हादसे का इंतजार किया जा रहा है। जबकि, करच्छम से करीब 22 किमी रिकांगपिओ की तरफ भी ऐसी ही हालत बनी हुई है। सड़कों की खस्ता हालत को देखते हुए इसका असर यहां आने वाले टूरिस्टों पर भी पड़ेगा। इधर, पर्यटन कारोबार से जुडे़ चंद्र मोहन नेगी, अर्जुन नेगी, दलीप नेगी, शांता नेगी, चंद्रशेखर नेगी, राजेंद्र बौद्ध, रमेश लौटे, कमलानंद, कुंजुमराम, सुंदर सिंह, मोंटी नेगी, विजेंद्र नेगी, कुलदीप नेगी, प्रदीप नेगी, प्रवेश नेगी, दिनेश नेगी, शेलेंद्र नेगी, ओम प्रकाश, शिव सिंह नेगी, देवी सिंह नेगी, एमसी नेगी, अरुण नेगी, राजेश नेगी, दीपक नेगी, दिव्या नेगी, सुरजीत नेगी, महेंद्र नेगी, अणुराज नेगी, राज कमल नेगी, अश्वनी नेगी, विजय पाल नेगी और मनोज नेगी ने सरकार से सड़कों की हालत सुधारने की मांग की है। इधर, बीआरओ के ओसी एचआर वनराज और एनएच के कनिष्ठ अभियंता मोहन मेहता तथा लोनिवि के एक्सईएन भावानगर बीएस मेहता तथा एक्सईएन कल्पा एसपी नेगी का कहना है कि सड़कों की हालत को सुधारने के हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं।

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