कार्यभार संभालने के लिए जज कर रहे हैं 2,000 किमी की सड़क यात्रा

नई दिल्ली

जस्टिस दीपांकर दत्ता- जस्टिस विश्वनाथ समद्दर (फाइल फोटो)
कोरोना वायरस महामारी की वजह से देशभर में लागू लॉकडाउन की वजह से रेल और हवाई यात्रा सेवाएं बंद हैं। ऐसे में जो न्यायाधीशों ने दो हजार किलोमीटर की सड़क यात्रा की ताकि वह देश के अलग-अलग राज्यों में मुख्य न्यायाधीश के तौर पर अपना कार्यभार संभाल सकें।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने इन दोनों न्यायाधीशों- जस्टिस विश्वनाथ समद्दर और जस्टिस दीपांकर दत्ता की नियुक्ति हाल ही में उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के तौर पर की। दोनों सड़क से अपना कार्यभार संभालने के लिए निकल पड़े जिससे ट्रायल और न्याय वितरण प्रणाली जारी रहे।

कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायाधीश जस्टिस दीपांकर दत्ता अपने बेटे के साथ परिवार सहित कार से मुंबई के लिए निकल गए, जहां उन्हें बॉम्बे उच्च न्यायालय का नया प्रमुख न्यायाधीश का कार्यभार संभालना है। यात्रा के दौरान उनका बेटा बीच-बीच में कार चलाता रहा।

ठीक इसी तरह इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायाधीश जस्टिस विश्वनाथ समद्दर को मेघालय उच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया है। वह कोलकाता से कार के जरिए शिलॉन्ग पहुंचे। वे इलाहाबाद स्थानांतरित होने से पहले कलकत्ता उच्च न्यायालय में अपनी सेवा दे रहे थे।

शुक्रवार शाम को वह अपनी पत्नी के साथ आधिकारिक गाड़ी के जरिए मेघालय पहुंचे। इस दौरान उनके साथ कार में एक ड्राइवर भी था जो समय-समय पर गाड़ी चला रहा था। न्यायाधीश शनिवार दोपहर को कोलकाता पहुंचे और शाम को वहां से शिलॉन्ग के लिए रवाना हो गए। इससे पहले उन्होंने कोलकाता के साल्ट लेक स्थित अपने आवास में कुछ घंटे आराम भी किया।

न्यायमूर्ति दत्ता शनिवार सुबह कोलकाता से मुंबई के लिए रवाना हुए और रास्ते में रात भर रुकने के बाद सोमवार दोपहर तक देश की वित्तीय राजधानी पहुंच जाएंगे। राष्ट्रपति ने गुरुवार को कलकत्ता उच्च न्यायालय के वरिष्ठ न्यायाधीश न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता को बॉम्बे उच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश और इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति विश्वनाथ समद्दर को मेघालय उच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया था।

 

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