कारोबारी कभी भी छेड़ देंगे वैट वार!

शिमला। जिला के हजारों कारोबारी आबकारी एवं कराधान विभाग की कड़ी शर्त के खिलाफ कभी भी ‘वैट वार’ छेड़ सकते हैं। हालांकि यह कारोबारी अभी खुलकर सामने आने को तैयार नहीं पर भीतर ही भीतर मोर्चा खोलने की तैयारी है। कारोबारियों में इस बात का आक्रोश है कि विभाग ने एक साल से आनलाइन वैट भरने की प्रक्रिया शुरू की है पर उसका फायदा नहीं मिल रहा। रिटर्न तो आनलाइन भरवाई जा रही है पर साथ ही रिटर्न की हार्ड कापी जमा कराने की शर्त लगा दी है। अगर कारोबारियों को विभाग के आफिस के चक्कर काटने ही हैं तो आनलाइन सुविधा शुरू करने का फायदा ही क्या है?
आनलाइन रिटर्न फाइल करने के साथ पंद्रह दिन के भीतर कारोबारी को रिटर्न कागजात की हार्ड कापी विभाग कार्यालय में जमा करवाना अनिवार्य किया गया है। इससे जिले भर के हजारों कारोबारियों को रिटर्न भरने में अभी भी दौड़धूप करनी पड़ रही है। इसके साथ ही वैट रिटर्न भरने को कारोबारी के रिटर्न अकाउंट का पासवर्ड पच्चीस दिन में बदलना भी अनिवार्य किया गया है। पासवर्ड न बदलने पर अकाउंट नहीं खुलता।
विभाग ने कारोबारियों के लिए अप्रैल 2012 से आनलाइन वैट रिटर्न की सुविधा शुरू की थी। आनलाइन रिटर्न भरने वालों में एक करोड़ से अधिक का कारोबार करने वाले कारोबारियों के साथ सैकड़ों छोटे कारोबारी भी हैं। मगर उनको हार्ड कापी को कार्यालय में जमा करवाने के विभागीय आदेश मुश्किल पैदा कर रहे हैं। कारोबारी हार्ड कापी जमा करवाने और पच्चीस दिन में रिटर्न फाइल का पासवर्ड बदले जाने को समाप्त करने की मांग कर रहे हैं।
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दोहरा रिकार्ड रखने के लिए मांगी हार्ड कापी
आबकारी एवं कराधान विभाग के अतिरिक्त आयुक्त एनसी बेक्टा का कहना है कि अप्रैल में शुरू की गई सुविधा को सही ढंग से संचालित करने और दोहरा रिकार्ड रखने के लिए हार्ड कापी जमा करवाना अनिवार्य किया गया है। पासवर्ड बदलना कारोबारियों की अपनी सुरक्षा के लिए हितकर है। इसके लिए कोई अनिवार्यता नहीं है।

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