कामर्शियल एरिया, सुविधाएं देहात जैसी भी नहीं

शिमला। राजधानी का उपनगर कसुम्पटी कामर्शियल एरिया के रूप में विकसित हुआ है। यहां सभी बड़े सरकारी विभागों के निदेशालय हैं। कहने को तो यह नगर निगम का वार्ड है पर सुविधाएं देहात से भी गई गुजरी हैं। वार्ड में समस्याओं का अंबार है। लोग सड़क किनारे वाहन पार्क करने को मजबूर हैं। सड़कों में पड़े गड्ढों की नगर निगम सुध तक नहीं ले रहा है। रात के समय वार्ड की सड़कों से गुजरने के लिए रोशनी की कोई भी व्यवस्था नहीं है। वार्ड में स्ट्रीट लाइटों के महज खंभे लगे हुए हैं। पार्किंग से अटी सड़कों पर वाहन चालकों को खुद ही ट्रैफिक जाम खुलवाना पड़ता है। पार्क और खेल के मैदान वार्ड में कहीं भी नहीं हैं। रोजाना ढेरों दिक्कतों का सामना करने वाले स्थानीय लोगों ने बिना सुविधाएं मिले नगर निगम को टैक्स देने से साफ इंकार कर दिया है।
स्थान : एसडीए कांप्लेक्स। दिन : शुक्रवार। समय : सुबह के साढ़े ग्यारह बजे। सड़क के दोनों तरफ वाहनों की लंबी कतार लगी थी। ट्रैफिक की समस्या से निजात दिलाने के लिए पुलिस कर्मी मौजूद नहीं दिखे। वाहन चालक खुद ही वाहनों से उतर कर ट्रैफिक को खोलने की कवायद में जुटे थे। स्थानीय लोगों के मुताबिक रोजाना सुबह शाम कसुम्पटी बाजार से लेकर पंथाघाटी और एसडीए कांप्लेक्स तक ऐसी ही स्थिति रहती है। नो एंट्री के समय पुलिस कर्मी तैनात होते हैं, लेकिन वे महज वाहन नो एंट्री में न जाएं केवल इसी का ध्यान रखते हैं। क्षेत्र में रोजाना ट्रैफिक लगने का मुख्य कारण वाहनों की पार्किंग की व्यवस्था न होना है। वाहन मालिकों को मजबूरन सड़क के दोनों ओर वाहन खड़े करने पड़ते हैं। पंथाघाटी चौक, एसडीए कांप्लेक्स ही नहीं कसुम्पटी बाजार से लेकर जीणू कालोनी तक वाहन सड़क की दोनों तरफ पार्क किए जाते हैं। सड़क किनारे बने भवनों में यदि पार्किंग बनाने की गुंजाइश है तो भी नगर निगम और सरकार की ओर से अनुमति नहीं दी जाती है।
वार्ड में विभागों के निदेशालय हैं। प्रदेश भर से लोग काम के लिए आते हैं, लेकिन यहां सार्वजनिक शौचालय आज तक नहीं बना है। कसुम्पटी बाजार में बना एक शौचालय गंदगी से अटा रहता है। स्ट्रीट लाइटों के लिए खंभे वर्षों पहले खड़े कर दिए थे, लेकिन अभी तक इनमें लाइटें नहीं लगी हैं। क्षेत्र में सड़कों और रास्तों का निर्माण तो हुआ, लेकिन रखरखाव करने की जहमत नहीं उठाई है। जिन रास्तों पर निगम की ओर से लाल पत्थर बिछाया है उनके किनारे रेलिंग लगाने की जरूरत नहीं समझी। सड़क और रास्तों में पड़े गड्ढे परेशान करते हैं।

इनसेट…
पानी, बिजली दोगुनी महंगी और अब टैक्स
वार्ड में रहने वाले सरकारी मुलाजिमों का कहना है भवन नियमित नहीं होने के चलते उन्हें बिजली और पानी के कामर्शियल कनेक्शन दिए गए हैं। दोगुनी कीमतें पहले ही हमसे वसूली जा रही हैं। अब नगर निगम टैक्स लगाने की तैयारी में है। व्यवस्था सुधारने के बजाय नगर निगम आम आदमी की जेब पर क्यों डाका डालना चाहता है।

अफसरों के घरों के रास्ते बेहतर
वार्ड में आला अधिकारी और सचिवालय के कर्मचारी भी रहते हैं। इनके रास्तों और सड़कों की हालत अन्य से काफी बेहतर है। यहां सड़कों पर गड्ढे नहीं बल्कि वाहनों की गति को नियंत्रित करने के लिए स्पीड ब्रेकर लगाए गए हैं। हालांकि वार्ड की अन्य सड़कों पर गड्ढे वाहनों की गति को नियंत्रित कर रहे हैं।

रानी ग्राउंड बना सरिये रखने का स्थान
कसुम्पटी वार्ड में युवाओं को खेलने के लिए एकमात्र रानी ग्राउंड है, लेकिन यहां पर किसी सरकारी विभाग ने निर्माण सामग्री में प्रयोग किए जाने के लिए सरिये का ढेर लगा दिया है। इसके चलते वार्ड में अब कहीं भी खेलकूद के लिए स्थान नहीं बचा है। बुजुर्गों को सुबह-शाम टहलने के लिए पार्क की भी कोई व्यवस्था नहीं है।

खेलने को नहीं है कोई जगह
अंकुश निवासी गर्वनमेंट आवासीय कालोनी का कहना है क्षेत्र में खेल मैदान नहीं होने के चलते वे लोग मजबूरन सड़क पर खेलते थे, लेकिन अब सड़कों पर भी गाड़ियां खड़ी रहती हैं। ऐसे में खेलने को कोई स्थान नहीं बचा है।

सुविधा के नाम पर यहां कुछ नहीं
नितिन ठाकुर दुकानदार हैं। इनका कहना है क्षेत्र में बंदरों का आतंक बढ़ गया है। दुकान में रखे सामान तक को बंदर खराब कर देते हैं। सुविधा के नाम पर कसुम्पटी में कुछ भी नहीं है। आखिर हम टैक्स किस आधार पर दें।

किस बात का टैक्स मांगेगा एमसी
राजेश का कहना है सड़कों पर खड़ी गाड़ियों के चलते रोजाना ट्रैफिक जाम का सामना करना पड़ता है। सड़कों की हालत बदतर हो गई है। सार्वजनिक शौचालय वार्ड में कहीं पर भी नहीं है। एमसी किस बात का टैक्स मांगेगा।

गंदा पानी पिलाने का मांग रहे टैक्स?
दुनी चंद का कहना है वार्ड में अश्वनी पेयजल योजना से गंदा पानी सप्लाई किया जा रहा है। डाक्टर कालोनी तक जाने वाले मार्ग में सभी स्ट्रीट लाइटें खराब हैं। सुविधाएं मिलेंगी तो जरूर टैक्स देंगे।

मूलभूत सुविधाएं दो फिर मांगों टैक्स
कसुम्पटी वार्ड की पार्षद कुसुम ठाकुर का कहना है मूलभूत सुविधाओं के अभाव में कोई भी भवन मालिक टैक्स देने को राजी नहीं होगा। वार्ड में बीते एक साल के दौरान विकास कार्यों के कई प्रस्ताव बनाए गए हैं लेकिन अभी तक योजनाओं को अमलीजामा नहीं पहनाया गया है। नगर निगम स्ट्रीट लाइटों तक को दुरुस्त नहीं करवा रहा है। भवनों का नियमित करना, सार्वजनिक शौचालय, पार्क, सड़कों को दुरुस्त करना सहित कई चिरलंबित मांगे अभी भी पूरी नहीं हुई हैं। निगम प्रशासन अगर इन सुविधाओं को लोगों तक पहुंचा देता है तो लोग भी टैक्स देंगे।

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