कांग्रेस-पीडीपी सरकार में तेजी से बढ़ी रोहिंग्याओं की तादाद, अब दोनों चाहते हैं वापस जाएं

कांग्रेस-पीडीपी सरकार में तेजी से बढ़ी रोहिंग्याओं की तादाद, अब दोनों चाहते हैं वापस जाएं

जम्मू
जम्मू-कश्मीर में पहला रोहिंग्या साल 1994 में आया था, लेकिन कांग्रेस-पीडीपी की सरकार में इनकी संख्या तेजी से बढ़ी। केंद्र में उस वक्त कांग्रेस की सरकार थी। हालांकि, नेकां और कांग्रेस भी रोहिंग्याओं को वापस भेजने के पक्ष में हैं।    

पहला रोहिंग्या आने के बाद जम्मू में बसा। इसके बाद धीरे-धीरे इनकी संख्या शहर के बाहरी इलाकों में बढ़ती गई। अस्थायी आशियाने भी बना डाले। यहां रहने वाले रोहिंग्या मजदूरी कर अपना जीविकोपार्जन करते हैं। कई ऑटो भी चलाते हैं। कई रोहिंग्याओं ने कारोबार भी शुरू कर दिया है। इनमें मछली का व्यवसाय मुख्य रूप से है। भठिंडी इलाके में बर्मा मार्केट भी बना लिया गया है। यहां वे दुकानें कर अपना जीविकोपार्जन करते हैं। 

जम्मू में 30 स्थानों पर इनके ठिकाने हैं। कुछ रोहिंग्या चोरी समेत अन्य आपराधिक मामलों में भी शामिल रहे हैं। लगभग 50 रोहिंग्याओं पर विभिन्न मामलों में प्राथमिकी भी दर्ज कराई गई है। अवैध रूप से सीमा पार करने का मुकदमा भी चल रहा है। तत्कालीन गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने इन्हें राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बताया था। इनके पाकिस्तान की आईएसआई, आतंकी संगठन आईएस और कट्टर अलगाववादी संगठनों से गठजोड़ की भी आशंका जताई जाती रही है। पाकिस्तान और चीन से लगती सीमा के कारण संवेदनशील राज्य में रहने वाले रोहिंग्याओं के प्रति अलगाववादियों और आतंकी संगठनों ने हमदर्दी जताई थी। 

रोहिंग्या विदेशी नागरिक हैं। केंद्र सरकार को इन्हें इनके वतन भेजना चाहिए। पहले भी इस विषय में कई बार बात हो चुकी है। अब कार्रवाई का समय है। इन्हें मिलने वाली सुविधाएं भी तत्काल बंद होनी चाहिए। केंद्र सरकार को चाहिए कि इस मसले पर लोगों की भावनाओं के अनुरूप कार्रवाई करें।
-देवेंद्र सिंह राणा, संभागीय अध्यक्ष-नेकां

राजनीतिक मुद्दा बनाने के बजाय रोहिंग्याओं को वापस भेजना चाहिए। भाजपा ने सुरक्षा का खतरा बताया था, लेकिन कई वर्ष बीत जाने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। जैसे सरकार को सांप सूंघ गया है। भाजपा विधायक के कार्यकाल में रोहिंग्याओं को बसाया गया है।
– रमन भल्ला, प्रदेश उपाध्यक्ष-कांग्रेस 

रोहिंग्याओं को वापस भेजने में देर नहीं करनी चाहिए। पार्टी पहले भी कई बार इस मुद्दे को उठा चुकी है। भाजपा की मंशा साफ नहीं है। जब कभी कोई शोर उठता है तो लोगों को गुमराह करने के लिए इस प्रकार के कदम उठाए जाते हैं। टालमटोल की राजनीति नहीं करनी चाहिए। 
-हर्षदेव सिंह, चेयरमैन-पैंथर्स पार्टी

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