कहीं आपके शौक कैंसर को बढ़ावा तो नहीं दे रहे

शिमला (वीरेन्द्र खागटा) आज प्रत्येक राष्ट्र में भले ही सिगरेट के पैकेटों पर यह वैधानिक चेतावनी प्रमुखता से प्रकाशित की जा रही है कि सिगरेट पीना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है लेकिन वास्तविकता यह है कि धूम्रपान प्रेमी इससे कैंसर होने की संभावनाओं के बारे में सब कुछ जानते हुए और अन्य रोगों के पनपने की पूरी जानकारी होने के बाद भी धूम्रपान से तौबा नहीं करना चाहते। कुछ शौकिया तौर पर धूम्रपान करते हैं तो बहुत से लोग इसके आदी हो चुके हैं।

पिछले दिनों एक महत्वपूर्ण शोध के नतीजों में यह बात सामने आई कि धूम्रपान की वजह से दांतों का क्षरण होता है और उसे रोकने के लिए की जाने वाली फिलिंग पर भी उसका प्रभाव पड़ता है। रिपोर्ट में चेतावनी दी गई है कि यदि समय रहते धूम्रपान के प्रचलन को नहीं रोका गया तो मुंह में होने वाली अन्य बीमारियों का इलाज करना भी काफी कठिन हो जाएगा।

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि कई बार धूम्रपान की ही वजह से दांतों को निकालने की प्रक्रिया तथा इससे संबंधित अन्य कार्य भी रोकने पड़ जाते हैं क्योंकि दंत चिकित्सकों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले एंटीबायोटिक और क्रीम धूम्रपान के ही कारण निष्प्रभावी हो जाते हैं। धूम्रपान से न केवल मसूढ़ों की बीमारियां पनपती हैं बल्कि दांतों व मसूढ़ों को होने वाले इलाज के लिए भी खतरा उत्पन्न हो जाता है। चिकित्सकों ने चेतावनी देते हुए बताया कि तम्बाकू सेवन से मुंह का कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है, बहुत-सी मसूढ़ों की बीमारियां जन्म लेती हैं, सांस में बदबू पैदा हो जाती है तथा स्वाद एवं सूंघने की शक्ति पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है।

Related posts