कर्नाटक के शिमोगा में विभिन्न परियोजनाओं के शिलान्यास समारोह और उद्घाटन के अवसर पर प्रधानमंत्री के संबोधन का मूल पाठ

एक भारत श्रेष्ठ भारत के लिए ऐसे समर्पण भाव को रखने वाले राष्ट्रकवि कुवेंपु की धरती को मैं आदरपूर्वक नमन करता हूं। आज मुझे एक बार फिर कर्नाटक के विकास से जुड़े हज़ारों करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट्स के लोकार्पण और शिलान्यास का सौभाग्य मिला है।

अभी-अभी शिमोगा में हूं और यहां से मुझे बेलगावी जाना है। आज शिमोगा को अपना एयरपोर्ट मिला है। लंबे समय तक जिसकी डिमांड थी, वो आज पूरी हुई है। शिमोगा एय़रपोर्ट बहुत ही भव्य बना है, बहुत ही सुंदर है। इस एयरपोर्ट में भी कर्नाटक के ट्रेडिशनल और टेक्नोलॉजी का अद्भुत संगम नजर आता है। और यह सिर्फ एयरपोर्ट नहीं है, यह इस क्षेत्र के नौजवानों के सपनों को नई उड़ान का अभियान है। आज रोड और रेल से जुड़े अनेक प्रोजेक्ट्स का भी शिलान्यास हुआ है। हर घर नल से जल के प्रोजेक्ट्स पर भी काम शुरु हो रहा है। विकास के ऐसे हर प्रोजेक्ट के लिए मैं शिमोगा के और आस-पास के सभी जिलों का, वहां के सभी नागरिकों को बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

साथियों,

आज का दिन एक और वजह से बहुत विशेष है। आज कर्नाटक के लोकप्रिय जन नेता बी. एस. येदियुरप्पा जी का जन्मदिन है। मैं उनकी लंबी आयु की कामना करता हूं। उन्होंने अपना जीवन गरीबों के कल्याण के लिए, किसानों के कल्याण के लिए समर्पित किया है। येदियुरप्पा जी ने अभी पिछले हफ्ते कर्नाटक असेंबली में जो भाषण दिया है, वो सार्वजनिक जीवन जीने वाले प्रत्येक व्यक्ति के लिए प्रेरणा है। सफलता की इस ऊंचाई पर पहुंचकर भी किस तरह व्यवहार में विनम्रता बनी रहनी चाहिए, ये हम जैसे हर किसी को, हमारी आने वाली पीढ़ियों के लिए भी येदियुरप्पा जी का यह भाषण, उनका जीवन हमेशा हमेशा प्रेरणा देने वाला है।

साथियों,

मेरी आप सब से एक विनती है, आप करेंगे? अगर आपके पास मोबाइल फोन है, तो मोबाइल फोन निकाल करके उसकी फ्लैश लाइट शुरू करिये और येदियुरप्पा जी का सम्‍मान करिये। येदियुरप्पा जी के सम्‍मान में सब लोग हरेक के मोबाइल पर फ्लैश लाइट चलना चाहिए। येदियुरप्पा जी के सम्‍मान में चलना चाहिए। 50-60 साल का सार्वजनिक जीवन अपनी पूरी जवानी एक विचार के लिए खपा दी है। हर कोई अपने मोबाइल फोन का फ्लैश लाइट चालू करके आदरणीय येदियुरप्पा जी का सम्‍मान करें। शाबाश, शाबाश। भारत माता की जय। जब मैं भाजपा सरकार के दौरान कर्नाटक की विकास यात्रा को देखता हूं, तो पाता हूं: कर्नाटक, अभिवृद्धिया रथादा, मेले ! इ रथावू, प्रगतिया पथादा मेले!

बीते कुछ वर्षों में कर्नाटक का विकास अभिवृद्धि के रथ पर चल चुका है। ये अभिवृद्धि रथ, प्रगति पथ पर दौड़ रहा है। ये प्रगति पथ, रेलवे, रोडवेज़, एयरवेज़ और आईवेज यानि डिजिटल कनेक्टिविटी का है।

साथियों,

हम सब जानते हैं कि कोई गाड़ी हो या सरकार, जब डबल इंजन लगता है न तो उसकी स्पीड कई गुना बढ़ जाती है। कर्नाटक का अभिवृद्धि रथा ऐसे ही डबल इंजन पर चल रहा है, बल्कि तेज़ी से दौड़ रहा है। भाजपा की डबल इंजन सरकार एक और बड़ा बदलाव लेकर आई है। पहले जब कर्नाटक के विकास की चर्चा होती थी, तो ये बड़े शहरों के आस-पास वहीं तक सीमित रहती थी। लेकिन डबल इंजन सरकार इस विकास को कर्नाटक के गांवों तक, टीयर-2 सिटी तक, टीयर-3 सिटी तक पहुंचाने का लगातार प्रयास कर रहे हैं। शिमोगा का विकास इसी सोच का परिणाम है।

भाइयों और बहनों,

शिमोगा का ये एयरपोर्ट ऐसे समय में शुरू हो रहा है, जब भारत में हवाई यात्रा को लेकर बहुत उत्साह है। आपने हाल में ही देखा होगा कि एयर इंडिया ने दुनिया का सबसे बड़ा विमान खरीदने का सौदा किया है। 2014 से पहले जब भी एयर इंडिया की चर्चा होती थी, तो अक्सर नकारात्मक खबरों के लिए ही होती थी। कांग्रेस के राज में एयर इंडिया की पहचान घोटालों के लिए होती थी, घाटे वाले बिजनेस मॉडल के रूप में होती थी। आज एयर इंडिया, भारत के नए सामर्थ्य के रूप में विश्व में आगे नई ऊंचाई, नई उड़ान भर रहा है।

आज भारत के एविएशन मार्केट का डंका पूरी दुनिया में बज रहा है। आने वाले समय में हज़ारों विमानों की ज़रूरत, भारत में पड़ने वाली है। इन विमानों में काम करने के लिए हज़ारों युवाओं की ज़रूरत होगी। अभी हम भले ही ये विमान, विदेशों से मंगा रहे हैं, लेकिन वो दिन दूर नहीं जब भारत के नागरिक मेड इन इंडिया पैसेंजर वाले प्लेन में प्रवास करेंगे। एविएशन सेक्टर में रोजगार के लिए अनेक संभावनाएं खुलने वाली हैं।

साथियों,

आज भारत में हवाई यात्रा का जो विस्तार हुआ है, उसके पीछे भाजपा सरकार की नीतियां और निर्णय हैं। 2014 से पहले देश में सिर्फ बड़े शहरों में ही एयरपोर्ट पर फोकस था। छोटे शहर भी हवाई कनेक्टिविटी से जुड़ें, ये कांग्रेस की सोच ही नहीं थी। हमने इस स्थिति को बदलने का निर्णय लिया। साल 2014 में देश में 74 एयरपोर्ट्स थे। यानि आजादी के सात दशक बाद भी देश में 74 एयरपोर्ट्स ही थे। जबकि भाजपा सरकार अपने 9 साल में 74 नए एयरपोर्ट्स बनवा चुकी है। देश के अनेक छोटे शहरों के भी पास जब उनके अपने आधुनिक एयरपोर्ट हैं। आप कल्पना कर सकते हैं कि भाजपा सरकार के काम करने की रफ्तार क्या है। गरीबों के लिए काम करने वाली भाजपा सरकार ने एक और बड़ा काम किया। हमने यह तय किया कि हवाई चप्पल पहनने वाला भी हवाई यात्रा कर पाए। इसलिए हमने बहुत ही कम कीमत पर हवाई टिकट देने वाली उड़ान योजना शुरु की। आज जब मैं देखता हूं कि मेरे कितने ही गरीब भाई-बहन पहली बार हवाई जहाज में चढ़ रहे हैं, और उससे मुझे संतोष होता है। शिमोगा का ये एयरपोर्ट भी अब इसका गवाह बनेगा।

साथियों,

Nature, Culture और Agriculture की धरती, शिमोगा के लिए ये नया एयरपोर्ट विकास के नए द्वार खोलने जा रहा है। शिमोगा, वेस्टर्न घाट के लिए मशहूर मले-नाडू का गेटवे है। जब नेचर की बात होती है तो यहां की हरियाली, यहां के wildlife sanctuaries, नदियां और पहाड़ अद्भुत हैं। आपके पास मशहूर जोग जलपाता भी है। यहां प्रसिद्ध एलीफेंट कैंप है, सिम्हाधाम जैसी लायन सफारी है। आगुम्बे पर्वत के सूर्यास्त का आनंद कौन नहीं लेना चाहेगा? यहां तो कहावत है, गंगा स्नाना, तुंगा पाना। जिसने गंगा स्नान नहीं किया और तुंगा नदी का पानी नहीं पिया, उसके जीवन में कुछ ना कुछ अधूरा है।

साथियों,

जब हम कल्चर की बात करते हैं, तो शिमोगा के मीठे जल ने राष्ट्रकवि कुवेंपु के शब्दों में मिठास घोली है। दुनिया का इकलौता संस्कृत गांव-मत्तूरू इसी जिले में है। और वो तो यहां दूर भी नहीं है। देवी सिंगधूरु चौडेश्वरी, श्रीकोटे आंजनेय, श्री श्रीधर स्वामी जी का आश्रम, आस्था और आध्यात्म से जुड़े ऐसे स्थान भी शिमोगा में हैं। शिमोगा का ईसुरू गांव जहां अंग्रेजों के विरुद्ध-“येसुरु बिट्टरू-ईसुरू बिडेवू” का नारा गूंजा, ये हम सभी के लिए प्रेरणास्थली है।

भाइयों और बहनों,

नेचर और कल्चर के साथ-साथ शिमोगा के एग्रीकल्चर की भी विविधता है। येरीजन देश के सबसे उपजाऊ क्षेत्रों में से एक है। यहां जिस प्रकार फसलों की वैरायटी पाई जाती है, वो इस क्षेत्र को एग्रीकल्चर हब के रूप में स्थापित करता है। चाय, सुपारी, मसालों से लेकर भांति-भांति के फल-सब्जी हमारे शिमोगा विस्‍तार में होते हैं। शिमोगा के nature, culture और agriculture को बढ़ावा देने के लिए एक बहुत बड़ी जरूरत यहां थी। ये ज़रूरत कनेक्टिविटी की है, अच्छी कनेक्टिविटी की है। डबल इंजन सरकार इस ज़रूरत को पूरा कर रही है।

एयरपोर्ट के बनने से स्थानीय लोगों को सुविधा तो मिलेगी ही, देश-विदेश के टूरिस्ट के लिए यहां आना आसान होगा। जब टूरिस्ट आते हैं, तो वो अपने साथ डॉलर और पाउंड लेकर आते हैं, और एक प्रकार से रोजगार के अवसर भी उसमें ही होते हैं। जब रेल कनेक्टिविटी बेहतर होती है तो सुविधा और टूरिज्म के साथ-साथ किसानों को भी नए बाज़ार मिलते हैं। किसान अपनी फसल कम कीमत में देशभर के मार्केट तक पहुंचाते हैं।

साथियों,

जब शिमोगा-शिकारीपुरा–रानीबेन्नूर नई लाइन पूरी होगी तो शिमोगा के अलावा हावेरी और दावण गेरे जिलों को भी, उनको भी लाभ होने वाला है। सबसे बड़ी बात, इस लाइन में लेवल क्रॉसिंग नहीं होगी। मतलब ये सुरक्षित रेल लाइन होगी और इस पर तेज गति की ट्रेनें चल पाएगी। कोटेगंगौर अब तक एक छोटा पड़ाव स्टेशन था। अब नया कोचिंग टर्मिनल बनने से इसका महत्व बढ़ जाएगा, इसकी कैपेसिटी बढ़ जाएगी। अब इसे 4 रेलवे लाइनों, 3 प्लेटफार्म और एक रेलवे कोचिंग डिपो के साथ तैयार किया जा रहा है। इससे यहां से देश के दूसरे हिस्सों के लिए नई ट्रेनें चल पाएंगी। हवाई और रेल ट्रांसपोर्ट के साथ-साथ अब रोड भी अच्छी होती है, तब युवाओं को बहुत लाभ होता है। शिमोगा तो एजुकेशनल हब है। अच्छी कनेक्टिविटी होने से, आस-पास के जिलों से युवा साथियों के लिए यहां आना आसान होगा। इससे नए बिजनेस के लिए, नए उद्योगों के लिए भी रास्ते खुलेंगे। यानि अच्छी कनेक्टिविटी से जुड़ा इंफ्रास्ट्रक्चर, इस पूरे क्षेत्र में रोजगार के नए अवसर बनाने जा रहा है।

भाइयों और बहनों,

आज शिमोगा और इस क्षेत्र की माताओं-बहनों के जीवन को आसान बनाने के लिए भी एक बड़ा अभियान चल रहा है। ये अभियान है, हर घर पाइप से जल पहुंचाने का। शिमोगा जिले में 3 लाख से अधिक परिवार हैं। जल जीवन मिशन शुरु होने से पहले, यहां लगभग 90 हज़ार परिवारों के घर में नल कनेक्शन था। डबल इंजन सरकार अभी तक करीब डेढ़ लाख नए परिवारों को पाइप से पानी की सुविधा दे चुकी है। बाकी परिवारों तक नल से जल पहुंचाने के लिए भी अनेक प्रोजेक्ट्स पर काम चल रहा है। बीते साढ़े 3 वर्षों में कर्नाटक में 40 लाख ग्रामीण परिवारों तक पाइप से पानी पहुंचाया गया है।

साथियों,

बीजेपी की सरकार गांव, गरीब और किसान की सरकार है, बीजेपी की सरकार गरीबों के कल्‍याण के लिए काम करने वाली सरकार है, बीजेपी की सरकार, माताओं-बहनों का स्‍वाभिमान, माताओं-बहनों के लिए अवसर, माताओं-बहनों के सशक्तिकरण इस रास्‍ते पर चलने वाली सरकार है। इसलिए हमने बहनों से जुड़ी हर परेशानी को दूर करने का प्रयास किया है। टॉयलेट हो, रसोई घर में, किचन में गैस हो या नल से जल हो, इनका अभाव हमारी बहनों-बेटियों को ही सबसे अधिक परेशान करता था। आज इसको हम दूर कर रहे हैं। जल जीवन मिशन से डबल इंजन सरकार हर घर तक जल पहुंचाने के लिए ईमानदारी से प्रयास कर रही है।

साथियों,

कर्नाटक के लोग भली-भांति जानते हैं कि भारत का ये अमृतकाल, विकसित भारत बनाने का काल है। आजादी के इतिहास में पहली बार ऐसा अवसर आया है। पहली बार पूरी दुनिया में भारत की इतनी गूंज सुनाई दे रही है। दुनिया भर के निवेशक भारत आना चाहते हैं। और जब निवेश आता है तो उसका बहुत लाभ कर्नाटक को भी होता है, यहां के युवाओं को भी होता है। इसलिए कर्नाटक डबल इंजन सरकार को बार-बार अवसर देने का मन बना चुका है।

मैं आपको आश्वस्त करता हूं कि कर्नाटक के विकास का ये अभियान अब और तेज़ होने वाला है। हमें मिलकर आगे बढ़ना है, मिलकर चलना है। हमें एक साथ चल करके हमारे कर्नाटक के लोगों के, हमारे शिमोगा के लोगों के सपनों को पूरा करना है। एक बार फिर आप सभी को विकास के इन प्रोजेक्ट्स के लिए मैं बहुत-बहुत बधाई देता हूं। बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं। मेरे साथ बोलें- भारत माता की जय। भारत माता की जय। भारत माता की जय।

धन्यवाद!

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