कच्ची शराब को सतलुज में नष्ट करने पर जांच के आदेश : डीजीपी दिनकर गुप्ता

कच्ची शराब को सतलुज में नष्ट करने पर जांच के आदेश :

जालंधर
सतलुज दरिया में कच्ची शराब को नष्ट करने के कारण मछलियों की मौत की घटना के बाद पंजाब में हड़कंप मच गया है। डीजीपी दिनकर गुप्ता ने इसकी जांच के आदेश जारी कर दिए हैं। वहीं, शनिवार को प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के सदस्य संत बलवीर सिंह सीचेवाल बोर्ड के अधिकारियों के साथ मौके पर पहुंचे और किश्ती से सतलुज का दौरा किया। प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड की टीम ने सतलुज में कई स्थानों से पानी के सैंपल एकत्रित किए।

संत सीचेवाल ने कहा कि 1976 के एक्ट के तहत सतलुज दरिया में कुछ भी नहीं डाला जा सकता। यह गैरकानूनी है। जिस पानी से मछलियों की मौत हुई है वह आगे निकल चुका है। प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड की टीम को कहा गया है कि वह दूर जाकर भी पानी के सैंपल एकत्र करे।
सींचेवाल ने कहा कि शाहकोट के आसपास गांव मंडाला छन्ना, फतेहपुर भगवां में कोई औद्योगिक इकाई नहीं है, इसलिए यह कहना मुश्किल है कि किसी फैक्ट्री के जहरीले पानी के कारण मछलियों की मौत हुई है। उन्होंने कहा कि बोर्ड की रिपोर्ट आने के बाद उन सबकी जवाबदेही होगी, जो इस घटना के लिए जिम्मेदार हैं। संत सीचेवाल ने कहा कि यहां पर मछलियां पहले नहीं थीं, सतलुज में पानी आने के कारण मछलियां आई हैं, लेकिन यहां पर पानी जहरीला होने के कारण मर गई।
‘प्राथमिक जांच में आशंका, शराब से पानी हुआ जहरीला’
वहीं प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड की टीम ने सतलुज में कई स्थानों से पानी और मरी हुई मछलियों को बतौर सैंपल लिया। बोर्ड के अधिकारी ने भी कहा कि प्राथमिक जांच में यही आशंका है कि कच्ची शराब से पानी जहरीला हो गया है। एसएसपी देहाती सतिंदर सिंह का कहना है कि उन्होंने जांच करवाई है और प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड ने सैंपल भी लिए हैं। इसकी रिपोर्ट आनी बाकी है।

वहीं दूसरी तरफ लोहियां की फतेहपुर भगवां पुलिस ने सुखबीर सिंह मंगा को अपनी जांच में शामिल किया है। सुखबीर सिंह मंगा ने ही मरी हुई मछलियां देखी थीं और उसकी फोटो व वीडियो तैयार की थी।

एसएसपी बोले, 20 किमी दूर रामपुर में गुड़ फेंका गया था सतलुज में
एसएसपी सतिंदर सिंह ने शनिवार शाम बताया कि जहां पर मछलियां मरने की जानकारी आई है, वहां से 20 किमी दूर रामपुर गांव में गुड़ सतलुज में फेंका गया था। यह वह गुड़ था, जिसको तस्करों द्वारा शराब बनाने के लिए इस्तेमाल करना था। वह कच्ची शराब यानी लाहन नहीं थी।

 

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