एसडीओ, जेई और ठेकेदार पर गाज

पालमपुर (कांगड़ा)। वर्ष 2010 में निर्माणाधीन बाईपास पुल के पहली बार ध्वस्त होने के मामले में चालान आखिर दो साल के बाद पुलिस ने न्यायालय में पेश कर दिया है। सरकार से स्वीकृति मिलते ही पुलिस ने मंगलवार को चालान न्यायालय में पेश किया। पुलिस ने अपनी चार्जशीट में तत्कालीन एसडीओ, जेई और ठेकेदार को मामले में आरोपी बनाया है।
जानकारी के अनुसार पालमपुर में निर्माणाधीन बाईपास पुल पहली बार दिसंबर 2010 में गिरा था। इसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई थी। लेकिन उसका अभी तक न्यायालय में चालान पेश नहीं किया जा सका था। बताते हैं कि सरकार से स्वीकृति न मिलने की वजह से यह चालान लटका हुआ था। लेकिन अब सरकार की स्वीकृति मिलते ही इस चालान को पुलिस ने मंगलवार को न्यायालय में पेश कर दिया। पुल गिरने के कारणों को लेकर ठेकेदार समेत तीन लोगों के खिलाफ न्यायालय में यह चालान पेश किया गया है। यही नहीं, अभी इस पुल को गिरे हुए एक साल हुआ था कि दिसंबर 2011 में यह दोबारा गिर गया। इस हादसे में भी एक व्यक्ति की मौत हुई थी। सूत्र बताते हैं कि 2011 में गिरे पुल का चालान भी न्यायालय में जल्द पेश किया जाएगा। सरकार से इसकी भी स्वीकृति का इंतजार है। साल 2010-11 में दो बार बाईपास पुल गिरने से कई सवाल खड़े हुए थे। जिसके चलते इसकी अभी तक न्यायिक जांच भी चली हुई है।
उधर, थाना प्रभारी सरवन सिंह ने बताया कि इस हादसे का चालान मंगलवार को पेश कर दिया गया। जबकि 2011 में दूसरी बार गिरे पुल के चालान को लेकर सरकार की स्वीकृति का इंतजार है। उन्होंने कहा कि मंगलवार को पेश चालान में ठेकेदार समेत दो विभागीय अधिकारियों के नाम शामिल हैं।

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