हमीरपुर
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एनआईटी) हमीरपुर के निदेशक प्रो. विनोद यादव को उनके पद से निष्कासित कर दिया गया है। यादव पर निदेशक रहते हुए असिस्टेंट प्रोफेसर ग्रेड दो के पदों पर होने वाली भर्तियां में चहेतों को लाभ देने और संस्थान के स्टाफ को अनुचित वित्तीय लाभ देने के आरोप लगे थे। प्रथम दृष्टया आरोप साबित होने पर केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने यह कड़ी कार्रवाई की है।
इससे पहले जुलाई में निदेशक यादव की वित्तीय और प्रशासनिक शक्तियां छीनकर मंत्रालय ने उन्हें लंबी छुट्टी पर भेज दिया था। साथ ही अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) के चेयरमैन प्रो. अनिल सहस्त्रबुद्धे को जांच का जिम्मा सौंपा था। एनआईटी के निदेशक के खिलाफ पहली बार ऐसी कार्रवाई हुई है। अमर उजाला ने 15 जुलाई, 2020 और 17 जुलाई, 2020 के अंक में इस मामले को प्रमुखता से उठाया था। प्रो. सहस्त्रबुद्धे जब जांच को पहुंचे तो कई सरकारी रिकॉर्ड संस्थान से गायब मिले थे।
कुछ फाइलें प्रो. यादव के घर से बरामद हुईं थीं। करीब 2 माह से भी अधिक समय तक चली जांच के बाद एआईसीटीई चेयरमैन ने जांच रिपोर्ट केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय को सौंपी थी, जिसमें यादव पर लगे आरोप सही पाए गए हैं। मंत्रालय ने जांच रिपोर्ट के आधार पर प्रो. यादव को निदेशक पद से निष्कासित कर दिया। मोतीलाल नेहरू नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी इलाहाबाद (यूपी) के मेकेनिकल विभाग के प्रो. यादव को मंत्रालय ने 20 मार्च, 2018 को 5 वर्ष के लिए एनआईटी हमीरपुर के निदेशक पद पर नियुक्ति किया था।
प्रो. अवस्थी संभालेंगे अगले आदेश तक निदेशक का कार्यभार
एनआईटी हमीरपुर के रजिस्ट्रार प्रो. योगेश गुप्ता ने बताया कि उच्चतर शिक्षा विभाग के एडिशनल डायरेक्टर जनरल मदन मोहन ने केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के आदेश के बाद प्रो. यादव को उनके पद से निष्कासित कर दिया है। इसके साथ ही एनआईटी जालंधर के निदेशक प्रो. ललित कुमार अवस्थी को आगामी आदेश तक एनआईटी हमीरपुर के निदेशक पद का भी दायित्व सौंपा है।