एडीएम ने दिए जांच के आदेश

उन्नाव। मांस निर्यातक इकाई के चिलर प्लांट में अमोनिया गैस के रिसाव से 32 श्रमिकों की हालत बिगड़ने और इसकी सूचना जिला प्रशासन को न देने पर एडीएम ने जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने संचालकों को फैक्ट्री का फिटनेस प्रमाणपत्र देने तक उत्पादन बंद रखने के निर्देश दिए हैं। उधर शहर के दो नर्सिंगहोम में भर्ती कराए गए श्रमिकों का इलाज चल रहा है।
मालूम हो कि सोमवार देर शाम दहीचौकी औद्योगिक क्षेत्र स्थित मांस निर्यातक फैक्ट्री एओवी के चिलर प्लांट में तकनीकी खराबी के चलते अमोनिया गैस का रिसाव हो गया। घटना के समय वहां पैकिंग कर रहे करीब 32 श्रमिकों की हालत बिगड़ गई। घटना पर पर्दा डालने के प्रयास में फैक्ट्री संचालकों ने श्रमिकों को जिला अस्पताल के बजाए नर्सिंगहोम में भर्ती कराया। दर्जन भर महिला श्रमिकों को शहर के आवास विकास कालोनी और सिविल लाइंस स्थित प्राइवेट अस्पतालों में भर्ती कराया गया था। इन सभी की हालत में सुधार है। उधर सूचना पर दमकल लेकर पहुंचे फायर कर्मियों को फैक्ट्री संचालकों ने भीतर नहीं घुसने दिया। इससे फैक्ट्री के भीतर बड़ी घटना होने की आशंका बढ़ गई। एसपी और डीएम को सूचना दिए जाने के बाद रात करीब दस बजे कोतवाली पुलिस और स्वास्थ्य विभाग की टीम मौके पर पहुंची मगर तब तक सभी श्रमिकों को इलाज के लिए भेजा जा चुका था। एडीएम शिवेंद्र कुमार सिंह ने एफएसओ को घटना की जांच करने के आदेश दिए हैं। वहीं दूसरी तरफ फैक्ट्री की ओर से चिलर प्लांट की फिटनेस कराने और प्रमाणपत्र न देने तक उत्पादन ठप रखने के निर्देश दिए हैं।

बोले जिम्मेदार
एओवी फैक्ट्री के मैनेजर सुरेंद्र कुमार साहू ने बताया कि सभी श्रमिकों की हालत ठीक है। बताया कि शहर के नर्सिंगहोमों में भर्ती महिला श्रमिकों की ही हालत गंभीर थी। बताया कि अमोनिया से बेहोशी आ जाती है और कोई नुकसान नहीं होता है। उन्होंने बताया कि हमारी ओर से जांच में पूरा सहयोग किया जाएगा।

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