सांगला (किन्नौर)। रिकांगपिओ सहित नेशनल हाइवे-22 को रल्ली से खाब तक बहाल करने में करीब एक सप्ताह का समय लग जाएगा। किन्नौर के पचास ग्रामीण रूटों को बहाल करने के लिए एक माह से भी अधिक का समय लग सकता है। भारी बर्फबारी के चलते जगह-जगह हिमखंड और ल्हासे गिरने से मार्ग पूर्ण रूप से बंद पड़ा है। इससे किन्नौर की 65 पंचायतों के सैकड़ों लोगाें को आगे भी लंबे समय तक परेशानियों से दो चार होना पड़ेगा।
हालांकि, 17 और 18 जनवरी को हुई भारी बर्फबारी के बाद किन्नौर में नेशनल हाइवे सहित क्षेत्र के करीब 27 ग्रामीण रूटों को बहाल कर दिया गया था। लेकिन, हाल ही में फिर बर्फबारी के चलते एनएच-22 सहित सभी ग्रामीण रूट पूर्ण रूप से बंद हो गए हैं। सीमा सड़क संगठन के ओसी एचआर वनराज और लोनिवि के एक्सईएन भावानगर बीएस मेहता तथा एक्सईएन कल्पा एसपी नेगी ने बताया कि जिला के ग्रामीण सड़क पूर्ण रूप से बंद पड़े हुए हैं। इन अधिकारियों का कहना है कि सोमवार को मौसम साफ होते ही मार्ग पर से बर्फ हटाने का काम शुरू कर दिया गया है। एनएच पर रल्ली से खाब तक 12 मशीनें और 600 मजदूरों को काम पर लगाया गया है। जबकि, लोनिवि ने भी रिकांगपिओ, कल्पा, दुन्नी रोधी, पांगी, पौवारी, पूह, लिंक सड़क रारंग, जंगी, सुमरा, सुन्नम, करच्छम, सांगला, वांगतू, काफ नु, निचार, बरी, छोटा कंबा, बड़ा कंबा, चांसु, बारंग, तालंगपी, रल्ली, सापनी, ब्रुआ, चगांव, उरनी, युला, मीरू, लंबर, ठंगी, रौपावैली, नैसंग, कानम, लाबरंग, लियो, हांगो, नाको, चांगो, मुरंग, रिब्बा, रिस्पा, लिप्पा, आसरंग सहित कई अन्य ग्रामीण सड़कों पर 17 मशीनों के साथ करीब 480 मजदूरों को काम पर लगाया है। भारी बर्फ भारी से नेशनल हाइवे पर रल्ली और लाल ढांक के बीच सात स्थानों पर करीब 400 मीटर और पंागी के पास चार स्थानों पर करीब 100 मीटर, जबकि भगतनाले में 400 मीटर सड़क को नुकसान पहुंचा है। इसके अलावा खारो ब्रिज से कौरिक सड़क भी पूर्ण रूप से बंद है। इसके बहाल होने के लिए लंबा इंतजार करना पड़ेगा।