आसान होगा अब पांगी के लिए सफर, अब सात घंटे का सफर होगा मात्र साढ़े तीन घंटे में तय

आसान होगा अब पांगी के लिए सफर, अब सात घंटे का सफर होगा मात्र साढ़े तीन घंटे में तय

उदयपुर (लाहौल-स्पीति)
लाहौल-पांगी-कश्मीर को जोड़ने वाले राज्य मार्ग-26 को सुगम बनाने की कवायद तेज हो गई है। सड़क पर सफर आसान बनाने के लिए जगह-जगह टारिंग का काम चल रहा है। इस सीजन में सीमा सड़क सड़क का लक्ष्य तिंदी से आगे 26 किलोमीटर मार्ग को टारिंग करने लक्ष्य रहा है।

18 किलोमीटर मार्ग में टारिंग का कार्य तीन माह में पूरा कर लिया है। अब बचे मार्ग आठ किलोमीटर का कार्य भी जल्द पूरा किया जाएगा। 94 आरसीसी के अधीन करीब 140 किलोमीटर लंबी तांदी- संसारीनाला सड़क लाहौल-पांगी को ही नहीं जोड़ती है बल्कि यह मार्ग सैन्य दृष्टि से भी अहम है।

यह मार्ग लाहौल से कश्मीर के लिए भी वैकल्पिक मार्ग है। चंबा जिले का 26 किमी का क्षेत्र जो कि जम्मू-कश्मीर की सीमा से सटा है। इस मार्ग के चकाचक होने से इसका लाभ पांगी घाटी के लोगों के साथ देश की सुरक्षा में भी अहम भूमिका निभाएगा। सड़क की दुर्दशा को सुधारा जा रहा है।

चंबा जिले के पांगी घाटी के लोग इस मार्ग से लाहौल होते मनाली-कुल्लू के बीच आवाजाही करते हैं। अब पांगी घाटी के लोगों को लाहौल- कुल्लू-पांगी मार्ग पर सफर करना थकाऊ नहीं लगेगा। सीमा सड़क संगठन के अधिकारियों से मिली जानकारी के मुताबिक जल्द उदयपुर से किलाड़ के लिए महज साढ़े तीन घंटे में पहुंचा जा सकेगा।

अभी इस उबड़- खाबड़ मार्ग को पार करने में करीब सात घंटे का समय लगता है। बीआरओ को इस सीजन में 70 से 96 किलोमीटर में टारिंग का लक्ष्य था। अटल टनल रोहतांग के बनने से लाहौल के साथ पांगी घाटी के लोगों को भी आवाजाही में बड़ी राहत मिली है। 94 आरसीसी के ओसी मेजर दीपक भगत ने बताया कि 26 किमी में 18 किमी में टारिंग का कार्य पूरा कर लिया गया है। शेष बचे कार्य को भी इसी साल पूरा किया जाएगा।

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